युजवेंद्र चहल ने विदेशी क्रिकेट में खेलने का लिया निर्णय, कोच गंभीर से नाराज़
युजवेंद्र चहल का नया कदम
युजवेंद्र चहल भारतीय टीम के अनुभवी लेग स्पिनर हैं, जो लंबे समय से टीम में वापसी के लिए प्रयासरत हैं। उन्हें कुछ मौकों पर टीम में शामिल किया गया, लेकिन कोच गंभीर ने उन्हें अंतिम-11 में खेलने का मौका नहीं दिया।
चहल का संघर्ष और टीम से दूरी
कोच गंभीर के कार्यभार संभालने के बाद से चहल को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। इसी कारण, नाराज़ होकर उन्होंने विदेशी लीग और काउंटी क्रिकेट में खेलने का निर्णय लिया है, ताकि वह अपनी क्षमता साबित कर सकें।
युजवेंद्र चहल का संघर्ष और टीम इंडिया से दूरी
याद रहे कि चहल ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच अगस्त 2023 में खेला था। इसके बाद से उन्हें टीम में स्थान नहीं मिला है। लगभग दो साल से वह T20 क्रिकेट से बाहर हैं और ODI में उनका आखिरी मैच जनवरी 2024 में न्यूजीलैंड के खिलाफ था।
काउंटी क्रिकेट में चहल का प्रदर्शन
काउंटी क्रिकेट में दिखाया दम
टीम से बाहर होने के बाद चहल ने इंग्लैंड की काउंटी चैंपियनशिप में भाग लिया। नॉर्थहैम्पटनशायर के लिए खेलते हुए उन्होंने डर्बीशायर के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की, जहां उन्होंने 33.2 ओवर में 118 रन देकर 6 विकेट लिए।
गंभीर से नाराज़ हैं चहल
चहल की नाराज़गी का कारण स्पष्ट है—कोच गंभीर के आने के बाद उन्हें लगातार अनदेखा किया गया। गेंदबाजी के बेहतरीन आंकड़ों के बावजूद उन्हें मौका नहीं दिया गया।
चहल का संदेश
काउंटी क्रिकेट में चहल का 6 विकेट हॉल चयनकर्ताओं को संदेश
काउंटी क्रिकेट में चहल का प्रदर्शन चयनकर्ताओं और कोच गंभीर के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि वह अभी खत्म नहीं हुए हैं। अगर उन्हें मौका दिया जाए, तो वह किसी भी फॉर्मेट में टीम इंडिया के लिए मैच विनर साबित हो सकते हैं।
विदेशी मंच पर करियर की नई शुरुआत
चहल का प्रदर्शन बताता है कि वह अभी भी फिट और घातक गेंदबाज हैं। भारत के लिए दरवाजे बंद होने पर, खिलाड़ियों को विदेशी मंच पर ही सहारा मिलता है। चहल अब उन भारतीय क्रिकेटरों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने टीम से बाहर रहने के बाद काउंटी क्रिकेट के जरिए नई राह तलाशनी शुरू की है।