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माइग्रेन से राहत पाने के लिए अपनाएं ये सरल उपाय

माइग्रेन एक गंभीर समस्या है जो सिरदर्द के साथ-साथ अन्य लक्षणों का कारण बनती है। इस लेख में, हम आपको कुछ सरल उपाय बताएंगे जो आपकी दिनचर्या में शामिल करके आप माइग्रेन को नियंत्रित कर सकते हैं। सही दिनचर्या, पौष्टिक आहार, और तनाव प्रबंधन के तरीकों को अपनाकर आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं। जानें कैसे सुबह की शुरुआत, नाश्ते का महत्व, और स्क्रीन से दूरी बनाना आपकी मदद कर सकता है।
 

माइग्रेन के प्रभाव और नियंत्रण


आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में, आपको कई जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ता है। घर, ऑफिस, बच्चों और रिश्तों के बीच संतुलन बनाना भी आपकी जिम्मेदारी है। ऐसे में अगर आपको माइग्रेन की समस्या है, तो हर दिन चुनौतीपूर्ण हो जाता है, क्योंकि माइग्रेन सिरदर्द के साथ-साथ मतली, थकान, और रोशनी या आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता भी लाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे दवाओं और सही जीवनशैली के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है।



सुबह की शुरुआत

दिन की पहली घंटी पूरे दिन की ऊर्जा को निर्धारित करती है, इसलिए हर दिन एक निश्चित समय पर उठने की आदत डालें, भले ही वह छुट्टी का दिन हो। जागने के तुरंत बाद फोन या स्क्रीन न देखें। कुछ मिनटों के स्ट्रेचिंग के बाद, योग या ध्यान के लिए 10-15 मिनट निकालें। अनुलोम-विलोम और भ्रामरी जैसे प्राणायाम तनाव को कम करके माइग्रेन की तीव्रता को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।


नाश्ता अत्यंत महत्वपूर्ण है।

खाली पेट रहना माइग्रेन को तेजी से सक्रिय कर सकता है, इसलिए नाश्ता करना न भूलें। केवल पौष्टिक नाश्ता करें, जैसे ओट्स, दलिया, फल, या मूंग दाल का चिल्ला आदि। चाय, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स से बचें, क्योंकि अधिक कैफीन भी सिरदर्द को बढ़ा सकता है।


स्क्रीन से दूरी बनाएं

लगातार स्क्रीन देखना माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। लेकिन ऑफिस में स्क्रीन देखना आपकी मजबूरी है। ऐसे में हर 30 मिनट में 1-2 मिनट के लिए स्क्रीन से अपनी आंखें हटा लें। आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए, स्क्रीन आंखों के स्तर पर हो, और आपके पैर जमीन पर होने चाहिए।


पानी और विश्राम

माइग्रेन के मरीजों के लिए पूरे दिन पर्याप्त पानी पीना महत्वपूर्ण है, क्योंकि निर्जलीकरण माइग्रेन की आवृत्ति को बढ़ा सकता है। साथ ही, तनाव के बीच शांत रहने के लिए गहरी सांस लें, थोड़ी टहलें, या पसंदीदा संगीत सुनें। ऐसे ब्रेक मूड को बेहतर बनाने के साथ-साथ माइग्रेन की तीव्रता को कम करने में मदद करते हैं।


ट्रिगर की पहचान करें

हर व्यक्ति के माइग्रेन के ट्रिगर अलग हो सकते हैं, जैसे तेज़ रोशनी, तेज़ शोर, भूख, मौसमी बदलाव, और अधिक स्क्रीन समय। जब माइग्रेन होता है, उस दिन के खाने, सोने का समय, तनाव, मौसम, और स्क्रीन समय को नोट करें। इससे आपको माइग्रेन के ट्रिगर को जानने में मदद मिलेगी।


शाम का समय

दिन की भागदौड़ के बाद आराम करना महत्वपूर्ण है। इसलिए हल्की टहलने, बागवानी, पेंटिंग, या किसी अन्य काम में लगें जो आपको आराम दे।


नींद का महत्व

माइग्रेन के मरीजों के लिए पर्याप्त नींद दवा के समान होती है, इसलिए 7-8 घंटे की नींद लें। सोने से पहले स्क्रीन से दूर रहें, कमरे की रोशनी कम रखें, और वातावरण को आरामदायक बनाएं।



सही दिनचर्या और पौष्टिक आहार

डॉ. के.एस. आनंद, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख, कहते हैं कि घर और ऑफिस की दोहरी जिम्मेदारी के बीच माइग्रेन को संभालना आसान नहीं है, लेकिन एक सही दिनचर्या, पौष्टिक आहार, पर्याप्त पानी, और तनाव कम करने वाली आदतों को अपनाकर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। हालांकि, आज की युवा पीढ़ी दवाओं पर अधिक निर्भर हो गई है, जबकि ये केवल अस्थायी राहत प्रदान करती हैं। यदि आप वास्तव में इस दर्द से राहत पाना चाहते हैं, तो एक अनुशासित जीवनशैली अपनाएं। काम के दौरान छोटे ब्रेक लें, ध्यान करें और थोड़ी देर टहलें। समय पर भोजन करें और अत्यधिक ठंडे पेय या खाद्य पदार्थों से बचें।


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