भारत लौटते ही करुण नायर का संन्यास, फैंस को नहीं होगा कोई अफसोस
करुण नायर का करियर और संन्यास की संभावना
भारत: जब किसी खिलाड़ी को आठ साल बाद भारतीय टेस्ट टीम में फिर से मौका मिलता है, तो उम्मीदें बढ़ जाती हैं। लेकिन करुण नायर जैसे कुछ खिलाड़ी इस मौके का लाभ नहीं उठा पाते। इंग्लैंड दौरे पर उन्हें मिले अवसर को नकारने के बाद, यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे भारत लौटते ही अपने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास की घोषणा कर सकते हैं। इस फैसले पर शायद ही किसी क्रिकेट प्रेमी को दुख होगा।
आठ साल बाद मिला मौका, लेकिन नहीं हुआ फायदा
33 वर्षीय करुण नायर ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया। इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए उन्हें टीम में शामिल किया गया। यह वापसी किसी चमत्कार से कम नहीं थी, क्योंकि उनका पिछला अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन बहुत ही साधारण रहा था। सभी को उम्मीद थी कि वह अपने पुराने फॉर्म को फिर से हासिल करेंगे।
इंग्लैंड में करुण नायर की फ्लॉप कहानी
इंग्लैंड दौरे पर करुण नायर पूरी तरह से असफल रहे। पहले टेस्ट में उन्होंने नंबर-6 पर बल्लेबाजी की और पहली पारी में बिना कोई रन बनाए आउट हो गए। दूसरी पारी में उन्होंने केवल 20 रन बनाए, जबकि अन्य बल्लेबाजों ने शतक बनाए। दूसरे टेस्ट में उन्हें नंबर-3 पर भेजा गया, लेकिन वहां भी उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। तीसरे टेस्ट में भी उन्होंने 40 रन बनाए। कुल मिलाकर, इंग्लैंड दौरे पर उनकी 5 पारियों में केवल 117 रन बने और कोई अर्धशतक नहीं आया।
करियर में सिर्फ एक शतक – वो भी 8 साल पहले
करुण नायर ने 2016 में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और इंग्लैंड के खिलाफ एक तिहरा शतक बनाया। लेकिन यह उनके करियर का एकमात्र शतक है। इसके अलावा, वह कभी भी 50 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। उनके लंबे करियर में केवल एक बड़ी पारी और बाकी सिर्फ संघर्ष ही उनकी पहचान बन गई है।
फैंस को नहीं होगा अफसोस
टीम प्रबंधन और कप्तान शुभमन गिल ने करुण नायर पर भरोसा जताया, लेकिन वह हर बार उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। 2022 में करुण ने सोशल मीडिया पर लिखा था, "डियर क्रिकेट, मुझे एक और मौका दो।" अब जब क्रिकेट ने उन्हें मौका दिया, तो उन्होंने उसे गंवा दिया। ऐसे में अगर करुण नायर भारत लौटकर संन्यास की घोषणा करते हैं, तो शायद ही कोई फैन उनकी कमी महसूस करेगा। टीम इंडिया के पास साई सुदर्शन और अभिमन्यु ईश्वरन जैसे युवा विकल्प हैं, जो मौके की तलाश में हैं। संन्यास शायद उनके लिए सबसे सम्मानजनक विकल्प होगा।