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भारत ने तकनीकी स्टार्टअप फंडिंग में तीसरा स्थान प्राप्त किया

भारत ने तकनीकी स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग में वैश्विक स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है, लेकिन 2025 में फंडिंग में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार, एंटरप्राइज एप्लिकेशन और रिटेल जैसे क्षेत्रों में निवेशक विश्वास बढ़ रहा है। हालांकि, बीज-चरण और प्रारंभिक चरण की फंडिंग में कमी आई है। बेंगलुरु और दिल्ली जैसे शहरों ने कुल फंडिंग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जानें और क्या है इस रिपोर्ट में।
 

भारत की तकनीकी स्टार्टअप फंडिंग में वृद्धि


नई दिल्ली, 25 सितंबर: एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने तकनीकी स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग में वैश्विक स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया है, जिसमें केवल अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ही आगे हैं, जबकि जर्मनी और फ्रांस पीछे हैं।


2025 के पहले नौ महीनों में भारतीय तकनीकी स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो कि $7.7 बिलियन रही। यह जानकारी मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की रिपोर्ट से मिली है।


इस क्षेत्र ने 2024 में इसी अवधि में $10.1 बिलियन और 2023 में $8.3 बिलियन की फंडिंग प्राप्त की थी।


ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, "भारत का तीसरे स्थान पर आना हमारे स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की लचीलापन और अनुकूलनशीलता को दर्शाता है। हम एक स्पष्ट परिपक्वता की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें अधिग्रहण, स्थिर आईपीओ गतिविधि और निरंतर यूनिकॉर्न निर्माण शामिल हैं, जो संस्थापकों और निवेशकों के लिए संतुलित निकासी के रास्ते प्रदान कर रहे हैं।"


उन्होंने बताया कि एंटरप्राइज एप्लिकेशन, रिटेल, और परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स तकनीकें दीर्घकालिक निवेशक विश्वास को बढ़ावा दे रही हैं और भारत के डिजिटल परिवर्तन को गति दे रही हैं।


बीज-चरण फंडिंग में कुल $727 मिलियन की राशि रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 39 प्रतिशत कम है। प्रारंभिक चरण की फंडिंग $2.7 बिलियन तक पहुंच गई, जो 10 प्रतिशत की गिरावट दर्शाती है, जबकि अंतिम चरण की फंडिंग 27 प्रतिशत घटकर $4.3 बिलियन रह गई।


100 मिलियन डॉलर से अधिक के राउंड की संख्या पिछले वर्ष के 16 से घटकर 10 रह गई, जबकि 2023 में यह संख्या 15 थी। हालांकि, मध्य राउंड का आकार $1.5 मिलियन तक दोगुना हो गया।


एंटरप्राइज एप्लिकेशन ने $2.3 बिलियन के साथ क्षेत्रीय फंडिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया, इसके बाद रिटेल $2 बिलियन और परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स तकनीक $1.79 बिलियन के साथ रही।


निकासी के मामले में, 2025 में 110 अधिग्रहण हुए, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक हैं। एंटरप्राइज एप्लिकेशन ने क्लाउड और एआई समाधानों की मांग के कारण अधिग्रहण गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाई।


भारत ने 2025 में चार नए यूनिकॉर्न जोड़े, जिससे कुल संख्या 122 हो गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप्स ने कुल फंडिंग का 31 प्रतिशत हिस्सा लिया, जबकि दिल्ली का हिस्सा 18 प्रतिशत रहा।