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भारत ने BWF विश्व जूनियर मिश्रित टीम चैंपियनशिप में ऐतिहासिक पदक जीता

भारत ने BWF विश्व जूनियर मिश्रित टीम चैंपियनशिप में कोरिया को हराकर ऐतिहासिक पदक जीता। गुवाहाटी में हुए इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम ने कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई। जानें कैसे भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी रणनीति और कौशल का प्रदर्शन किया और इस जीत ने उन्हें पहली बार मिश्रित टीम पदक दिलाया।
 

भारत की शानदार जीत


गुवाहाटी, 10 अक्टूबर: भारत ने अपने उत्साही प्रशंसकों की ऊर्जा और घरेलू परिस्थितियों के ज्ञान का लाभ उठाते हुए कोरिया को हराकर BWF विश्व जूनियर मिश्रित टीम चैंपियनशिप में ऐतिहासिक पदक सुनिश्चित किया। यह मुकाबला राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में हुआ।


होस्ट टीम ने एक रोमांचक क्वार्टरफाइनल में भाग लिया, जो लगभग तीन घंटे तक चला। पहले सेट में निराशाजनक हार के बाद टीम ने खुद को संभाला और कोरिया को 44-45, 45-30, 45-33 से हराया। अब भारत का सामना सेमीफाइनल में एशियाई U-19 मिश्रित टीम चैंपियन इंडोनेशिया से होगा, जिसने चीनी ताइपे को 45-35, 45-35 से हराया।


सेमीफाइनल में पहुंचने से भारत को BWF विश्व जूनियर चैंपियनशिप के इतिहास में अपना पहला मिश्रित टीम पदक भी मिल गया है।


क्वार्टरफाइनल में भारत की रणनीति स्पष्ट थी, जिसमें उन्होंने अपने एकल खिलाड़ियों पर भरोसा किया ताकि यदि कोरियाई टीम अपने डबल्स ताकत का लाभ उठाए तो वे उन्हें संभाल सकें।


पहला सेट भर्गव राम अरिगेला और विश्व तेज गोब्बुरु की जोड़ी ने कोरिया के चो ह्यॉन्ग वू और ली ह्यॉन्ग वू के खिलाफ 5-9 से हारकर शुरू किया। वहीं, लड़कियों की डबल्स में वेंनाला के और रेशिका ने चियोन ह्ये इन और मून इन सियो को 10-9 से हराकर एक अंक की कमी को कम किया। रौनक चौहान ने चोई आह स्यूंग को 11-9 से हराकर टीम को एक अंक के भीतर ला दिया।


हालांकि, मिश्रित डबल्स में सी लालरामसांगा और आंन्या बिष्ट की 4-9 की हार ने अननती हुड्डा पर दबाव बढ़ा दिया। अननती ने 3-0 की बढ़त बनाई, लेकिन किम हान बी ने 6-6 पर बराबरी कर ली।


अननती ने गहराई में जाकर लंबी रैलियों के बाद लगातार पांच अंक जीतकर दबाव बनाया और 44-44 पर बराबरी की। लेकिन सेट प्वाइंट पर उनका सर्विस नेट में चली गई, जिससे वह निराश हो गईं।


दूसरे सेट से पहले भारत ने दो बदलाव किए, जिसमें लालरामसांगा ने गोब्बुरु की जगह ली और विशाखा टोप्पो ने बिष्ट की जगह ली।


लालरामसांगा और भर्गव ने कोरिया के चो और ली के खिलाफ 9-7 से जीतकर भारत को सकारात्मक शुरुआत दी। वेंनाला और रेशिका ने इस बढ़त को छह अंकों तक बढ़ा दिया। भारत ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।


तीसरे सेट की शुरुआत भी इसी तरह हुई, जहां लालरामसांगा और भर्गव ने भारत को 9-4 की बढ़त दिलाई। लेकिन वेंनाला और रेशिका पहले 10 अंकों के बाद थक गईं और कोरियाई टीम ने बढ़त बना ली।


चौहान ने फिर से भारत के पक्ष में मैच को निर्णायक रूप से बदल दिया और 11-4 से जीत हासिल की। लालरामसांगा और बिष्ट ने बढ़त को सात अंकों तक बढ़ा दिया और अननती ने किम को 9-4 से हराकर जश्न की शुरुआत की।



खेल संवाददाता