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भारत और इंडिया ए के बीच अभ्यास मैच: गौतम गंभीर का निर्णय और रणनीतियाँ

भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने व्यक्तिगत कारणों से भारत लौटने का निर्णय लिया है, लेकिन टीम इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट श्रृंखला की तैयारी में जुटी है। बेकेनहैम में चल रहे चार दिवसीय अभ्यास मैच में भारत और इंडिया ए आमने-सामने हैं। इस मैच को सार्वजनिक रूप से बंद रखा गया है, जिससे इंग्लैंड की टीम भारत की रणनीतियों को न देख सके। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और क्या यह क्रिकेट में उपयोगी है।
 

गौतम गंभीर की वापसी और टीम की तैयारी

भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर व्यक्तिगत कारणों से भारत लौट आए हैं, लेकिन टीम आगामी पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए अपनी तैयारियों में जुटी हुई है, जो 20 जून से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होगी। अंतिम तैयारी के चरण के तहत, शुक्रवार को बेकेनहैम में एक चार दिवसीय अभ्यास मैच की शुरुआत हुई, जिसमें भारत और इंडिया ए आमने-सामने हैं।


खिलाड़ियों की भूमिका और कप्तान

भारतीय टीम का नेतृत्व शुभमन गिल कर रहे हैं, जबकि अभिमन्यु ईस्वरन इंडिया ए की कप्तानी कर रहे हैं। यह मैच उन खिलाड़ियों के लिए विशेष महत्व रखता है जो हाल ही में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ अनौपचारिक टेस्ट में इंडिया ए के दल का हिस्सा नहीं थे।


सार्वजनिक और मीडिया के लिए बंद दरवाजों का मैच

जैसे कि ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे के दौरान हुआ था, कोच गौतम गंभीर ने इस मैच को सार्वजनिक रूप से बंद रखने का निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि कोई भी प्रशंसक खेल को नहीं देख सकता और न ही इसका सीधा प्रसारण या मीडिया कवरेज होगा।


निर्णय का कारण

सूत्रों के अनुसार, गंभीर ने यह निर्णय इसलिए लिया ताकि इंग्लैंड भारत की रणनीतियों को देख न सके। इस प्रकार का निजी सत्र यूरोपीय फुटबॉल में सामान्य है, जहां टीम की रणनीतियों को गुप्त रखा जाता है।


क्या यह क्रिकेट में उपयोगी है?

कुछ लोग यह सवाल उठाते हैं कि क्या क्रिकेट में इस तरह की गोपनीयता वास्तव में आवश्यक है। फुटबॉल एक संक्षिप्त, 90 मिनट का खेल है जो रणनीति पर बहुत निर्भर करता है, जबकि क्रिकेट एक लंबा, पांच दिवसीय मैच है, जहां अधिकांश रणनीतियाँ मैदान पर स्पष्ट होती हैं।


मैच के लिए विशेष नियम

यह मैच आधिकारिक प्रथम श्रेणी का दर्जा नहीं रखता, लेकिन यह तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि कोई बल्लेबाज जल्दी आउट होता है, तो उसे फिर से बल्लेबाजी करने का मौका मिल सकता है। कुल मिलाकर, चार दिनों में 360 ओवर फेंके जाएंगे, जिससे गेंदबाजों को अपनी लय और फिटनेस पर काम करने का पर्याप्त समय मिलेगा।