बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत, योगी आदित्यनाथ का प्रभावी प्रचार
बिहार चुनाव परिणाम
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने शानदार जीत हासिल की है, जिसमें उत्तर प्रदेश के नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर थी। इस चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर अपनी छाप छोड़ी। उनके प्रभावशाली बयानों ने चुनावी परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया। योगी ने बिहार में 31 रैलियों और सभाओं का आयोजन किया, जिनमें से उनके समर्थन वाले 31 उम्मीदवारों में से 27 ने जीत दर्ज की, जिससे उनका स्ट्राइक रेट 87% से अधिक रहा।
वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बिहार में 22 रैलियां कीं, लेकिन केवल 2 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाए, जिससे उनका स्ट्राइक रेट महज 9% रहा। बसपा प्रमुख मायावती ने कैमूर जिले की भभुआ सीट पर प्रचार किया, जहां उनके 5 प्रत्याशियों में से केवल एक ने जीत हासिल की, उनका स्ट्राइक रेट लगभग 20% रहा। अन्य यूपी के नेताओं जैसे चंद्रशेखर आजाद, स्वामी प्रसाद मौर्य और सुभासपा के उम्मीदवार भी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए।
सीएम योगी ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला करते हुए महागठबंधन के तीन प्रमुख नेताओं राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव की तुलना 'अप्पू, पप्पू और टप्पू' से की, जिससे चुनावी माहौल में हलचल मच गई। उन्होंने महागठबंधन के 'जंगलराज' और भगवान राम, कृष्ण और मां सीता के नाम पर चुनावी प्रचार किया। उनके साथ बीजेपी और एनडीए के सहयोगी दलों के उम्मीदवारों का भी प्रचार किया गया।
इस विवाद ने महागठबंधन के चुनाव प्रचार की दिशा को बदल दिया, जिससे उनके रोजगार और विकास के मुद्दे गौण हो गए और मीडिया में बंदर विवाद की चर्चा बढ़ गई। बिहार की तीन सीटें ऐसी रहीं, जहां योगी और अखिलेश दोनों ने रैलियां कीं, जिनमें सीवान (रघुनाथपुर) – राजद जीती, पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) – भाजपा जीती, और मधुबनी (बिस्फी) – राजद जीती।
अखिलेश यादव ने छपरा में भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव के समर्थन में जनसभा की, लेकिन खेसारी जीत नहीं पाए। वहीं, सीवान के बाहुबली शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब ने रघुनाथपुर सीट पर जीत हासिल की। बसपा ने बिहार में सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन मायावती की प्रचारित भभुआ सीट पर केवल रामगढ़ सीट पर जीत मिली। इस प्रकार, बिहार चुनाव में यूपी के सीएम योगी ने अपनी लोकप्रियता साबित की और एनडीए की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।