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नासिर हुसैन ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के फैसले की आलोचना की

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने चौथे टेस्ट में बेन स्टोक्स के निर्णय की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जडेजा और सुंदर ने अपने शतकों के लिए मेहनत की और स्टोक्स को ब्रुक को गेंदबाजी करने की जरूरत नहीं थी। संजय मांजरेकर ने भी भारतीय बल्लेबाजों के अधिकार का समर्थन किया। जानें इस विवाद के बारे में और क्या कहा गया।
 

हुसैन की प्रतिक्रिया

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने चौथे टेस्ट के दौरान बेन स्टोक्स द्वारा मैच को जल्दी समाप्त करने के प्रस्ताव को रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर द्वारा अस्वीकार किए जाने के बाद हैरी ब्रुक को गेंदबाजी में लाने के निर्णय को 'नासमझ' बताया।


हुसैन ने कहा कि जडेजा और सुंदर ने अपने शतकों के लिए पूरी मेहनत की। उन्होंने 'स्काई स्पोर्ट्स' पर कहा, 'मुझे जडेजा और सुंदर के बल्लेबाजी जारी रखने में कोई समस्या नहीं थी। इंग्लैंड को इससे परेशानी थी। गेंदबाज थक गए थे और वे मैदान छोड़ना चाहते थे, लेकिन दोनों खिलाड़ियों ने 80 और 90 रन तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की और वे टेस्ट मैच में शतक बनाना चाहते थे।'


उन्होंने आगे कहा, 'स्टोक्स को अंत में ब्रूक को गेंदबाजी करके नासमझ दिखाने की आवश्यकता नहीं थी। हम इन बातों को बहुत अधिक महत्व देते हैं। उन्होंने अच्छा खेला और इसका पूरा श्रेय भारत को जाता है।'


जब चेतेश्वर पुजारा ने वाशिंगटन सुंदर से इसी विषय पर सवाल किया, तो उन्होंने बात को टाल दिया। सुंदर ने 'जियोहॉटस्टार' पर कहा, 'मुझे लगता है कि सभी ने टीवी पर देखा कि क्या हुआ और सभी ने इसका आनंद लिया होगा।'


भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों को अपने अनुसार खेल जारी रखने का पूरा अधिकार था। उन्होंने 'जियोहॉटस्टार' पर कहा, 'मुझे लगता है कि बेन स्टोक्स अंत में एक बिगड़ैल बच्चे की तरह पेश आए।'