जेमिमा रोड्रिग्स की प्रेरणादायक कहानी: विश्व कप में भारत की जीत का सफर
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा बल्लेबाज़ जेमिमा रोड्रिग्स ने वर्ल्ड कप 2025 के सेमीफाइनल में शानदार प्रदर्शन किया, जिससे भारत फाइनल में पहुंचा। उनकी यात्रा में मानसिक दबाव और संघर्ष की कहानी है, जिसे उन्होंने साझा किया। जानें कैसे उन्होंने अपने आत्मविश्वास को पुनः प्राप्त किया और टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Oct 31, 2025, 23:57 IST
जेमिमा रोड्रिग्स की अद्भुत यात्रा
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा बल्लेबाज़ जेमिमा रोड्रिग्स इस समय चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उन्होंने वर्ल्ड कप 2025 के सेमीफाइनल में शानदार शतक लगाकर भारत को तीसरी बार आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में पहुंचा दिया है। इस सफलता के पीछे एक गहरी भावनात्मक कहानी भी है, जिसे जेमिमा ने साझा किया है।
जेमिमा ने बताया कि टूर्नामेंट की शुरुआत में उन्हें मानसिक दबाव और चिंता का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि शुरुआती मैचों में वह बार-बार अपनी मां को फोन करती थीं और रो पड़ती थीं, क्योंकि उन्हें लगता था कि उनका आत्मविश्वास खो गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भावुक होकर कहा, “मैं बहुत कमजोर महसूस कर रही थी। कई बार मैच से पहले घंटों तक रोती थी। मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा समर्थन किया। टीम में अरुंधति रेड्डी, स्मृति मंधाना और राधा यादव जैसी सहेलियों ने भी मुझे हिम्मत दी। जब मैं मैदान पर कमजोर पड़ रही थी, तब उनका साथ मेरी सबसे बड़ी ताकत था।”
यह ध्यान देने योग्य है कि जेमिमा को टूर्नामेंट के पहले चार मैचों में कोई खास सफलता नहीं मिली थी। उन्होंने क्रमशः 0, 32, 0 और 33 रन बनाए और फिर इंग्लैंड के खिलाफ मैच में उन्हें बाहर कर दिया गया था। उस समय टीम प्रबंधन ने एक अतिरिक्त गेंदबाज़ को शामिल किया था।
हालांकि, किस्मत ने उनका साथ दिया और उन्होंने शानदार वापसी की। न्यूजीलैंड के खिलाफ अर्धशतक और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 134 गेंदों पर नाबाद 127 रन बनाकर भारत को महिला वनडे क्रिकेट इतिहास में सबसे बड़े लक्ष्य (339 रन) का पीछा कर जीत दिलाई।
मैच के बाद जब जेमिमा ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ सोफी मोलिन्यू की गेंद पर विजयी शॉट लगाया, तो उनके चेहरे पर खुशी और राहत के भाव थे। उन्होंने कहा, “जब आप कठिन दौर से गुजरते हैं, तो बस ज़रूरी होता है थोड़ा रुकना, खुद पर भरोसा रखना और सही लोगों के साथ रहना। मुझे बहुत लोगों का साथ मिला, जब मैं खुद पर भरोसा नहीं कर पा रही थी।”
इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय टीम अब फाइनल में पहली बार फाइनल में पहुंची दक्षिण अफ्रीका टीम से भिड़ेगी। यह मुकाबला रविवार को होगा, जो न केवल नए विश्व चैंपियन का निर्धारण करेगा, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में एक और सुनहरे अध्याय की शुरुआत भी करेगा।