कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय के लिए आवास आरक्षण में वृद्धि का प्रस्ताव
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने मुस्लिम समुदाय के लिए आवास योजनाओं में आरक्षण को 10% से बढ़ाकर 15% करने का प्रस्ताव मंजूर किया है। आवास मंत्री ज़मीर अहमद खान और अन्य मंत्रियों ने इस निर्णय का समर्थन किया है, जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखा गया है। यह कदम केंद्र सरकार के मौजूदा आवंटन के अनुरूप है और अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है।
Jun 19, 2025, 15:52 IST
कर्नाटक मंत्रिमंडल का महत्वपूर्ण निर्णय
कर्नाटक की राज्य सरकार ने मुस्लिम समुदाय के लिए आवास योजनाओं में आरक्षण बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर किया है। यह निर्णय राज्य के शहरी और ग्रामीण विकास विभागों द्वारा लागू सभी आवास योजनाओं पर प्रभाव डालेगा। आवास मंत्री ज़मीर अहमद खान ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें अल्पसंख्यक समुदायों के लिए आरक्षण को मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की बात की गई है। डीके शिवकुमार ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि जनसंख्या के अनुपात के अनुसार चलना आवश्यक है। शहरी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक और गरीब लोग निवास करते हैं।
आवास की स्थिति और अल्पसंख्यकों की आवश्यकता
मंत्री ने बताया कि कई आवास खाली पड़े हैं और इन्हें अन्य लोगों को आवंटित नहीं किया जा सकता। इसलिए, उन्होंने 10 से 15 प्रतिशत आरक्षण का अनुरोध किया। मांड्या जैसे शहरों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां आवास योजनाओं के तहत बने टावर अभी भी खाली हैं। बेंगलुरु में भी कई घर खाली हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक इन इमारतों पर कब्जा करने के लिए तैयार हैं, और यह एक बड़ी समस्या है। पिछले 7 वर्षों से अल्पसंख्यक इस वृद्धि की मांग कर रहे थे, और अब सरकार ने सहमति दी है।
केंद्र सरकार का समर्थन
इस निर्णय का समर्थन करते हुए मंत्री एमसी सुधाकर ने कहा कि केंद्र सरकार पहले से ही अल्पसंख्यकों के लिए 15 प्रतिशत आवंटन प्रदान करती है, और कर्नाटक भी इसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अल्पसंख्यकों के लिए आवास आवंटन का मामला है। केंद्र सरकार के पास 15 प्रतिशत का आरक्षण है, और हमने इसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। यह कदम मुसलमानों के लिए कोटा लाभ बढ़ाने के लिए उठाया गया है, जो समुदाय-विशिष्ट कल्याण पहलों को बढ़ावा देने का संकेत देता है।