×

कप्तान शुभमन गिल ने लीड्स टेस्ट हारने के बाद अचानक छोड़ी कप्तानी

टीम इंडिया ने इंग्लैंड में लीड्स टेस्ट में हार का सामना किया, जिसके बाद कप्तान शुभमन गिल ने कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया। इस खबर ने क्रिकेट प्रेमियों को निराश कर दिया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि गिल ने क्यों ऐसा किया। इस बीच, बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हुसैन शांतों ने भी कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और क्रिकेट जगत में इस पर क्या प्रतिक्रिया हो रही है।
 

टीम इंडिया की इंग्लैंड यात्रा

भारतीय क्रिकेट टीम इस समय इंग्लैंड में है, जहां वह 5 मैचों की टेस्ट श्रृंखला में भाग ले रही है। शुभमन गिल को टीम का कप्तान बनाया गया है। श्रृंखला का पहला मैच 20 से 24 जून तक लीड्स में खेला गया।


कप्तान का इस्तीफा

इस मैच में भारतीय टीम को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद शुभमन गिल को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया। इसी बीच, एक बड़ी खबर आई है कि कप्तान ने दूसरे टेस्ट से पहले कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया है, जिससे समर्थकों में निराशा फैल गई है।


कप्तान ने अचानक छोड़ी कप्तानी!


Team India lost the Leeds Test, while the captain suddenly announced his resignation from the post


जैसे ही टीम इंडिया को हेडिंग्ले में हार का सामना करना पड़ा, सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैल गई। कहा जा रहा है कि कप्तान ने दूसरे टेस्ट में कप्तानी करने से मना कर दिया है, और यह निर्णय उन्होंने टीम के प्रदर्शन से निराश होकर लिया है।


हालांकि, यदि आप सोच रहे हैं कि शुभमन गिल ने कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया है, तो यह गलत है। असल में, बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हुसैन शांतों ने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के दूसरे मैच से पहले कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया है।


नजमुल हुसैन शांतों का इस्तीफा

नजमुल हुसैन शांतों का इस्तीफा


बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कप्तान नजमुल हुसैन शांतों ने कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया है और इसके लिए उन्होंने बोर्ड को पत्र भी लिखा है। उन्हें ओडीआई क्रिकेट से कप्तानी से हटा दिया गया है, जबकि वह दोनों प्रारूपों में कप्तान बने रहना चाहते थे।




बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड की प्रतिक्रिया

बोर्ड की प्रतिक्रिया


बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने नजमुल हुसैन शांतों के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी है। बोर्ड ने कहा है कि उन पर कप्तानी छोड़ने का दबाव नहीं बनाया गया था और यह निर्णय एक बैठक के बाद लिया गया था। यह सभी बोर्ड सदस्यों का सामूहिक निर्णय था।