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अतिबला: शारीरिक कमजोरी दूर करने वाली जड़ी-बूटी के अद्भुत लाभ

अतिबला, जिसे खिरैटी के नाम से भी जाना जाता है, एक शक्तिशाली औषधि है जो शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद करती है। यह जड़ी-बूटी न केवल ताकत बढ़ाती है, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी समाधान करती है। जानें इसके अद्भुत लाभ और कैसे इसका सेवन किया जा सकता है।
 

अतिबला: एक शक्तिशाली औषधि

नमस्कार दोस्तों! आज हम आपको एक ऐसी औषधि के बारे में बताएंगे जो शारीरिक कमजोरी को समाप्त कर सकती है और दुबले व्यक्तियों को ताकतवर बनाती है। इसे अतिबला या खिरैटी के नाम से जाना जाता है।


हिंदी में इसे खरैट, वरयारी, और वरियार जैसे नामों से भी जाना जाता है। यह पौधा पोषण से भरपूर है और आयुर्वेद में इसे बलवर्धक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग न केवल शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए, बल्कि अन्य बीमारियों के उपचार में भी किया जाता है।


यह आमतौर पर गांवों में खेतों के आसपास आसानी से मिल जाता है, लेकिन यदि आपको नहीं मिले, तो आप इसे किसी पंसारी की दुकान से खरीद सकते हैं।


अतिबला के लाभ

शक्ति बढ़ाना: खिरैंटी के बीजों को पकाकर खाने से शरीर में ताकत बढ़ती है। इसके अलावा, खिरैंटी की जड़ की छाल को पीसकर दूध में उबालकर पीने से भी शक्ति में वृद्धि होती है।


श्वेतप्र-दर: बला की जड़ को पीसकर चूर्ण बनाकर शहद के साथ सेवन करने से श्वेतप्र-दर में लाभ होता है। यह महिलाओं के लिए एक संजीवनी बूटी की तरह कार्य करता है।


बवासीर: अतिबला के पत्तों को उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से बवासीर में राहत मिलती है।


प्रतिरोधक क्षमता: अतिबला के बीजों का सेवन करने से कमजोरी दूर होती है।


दस्त: इसके पत्तों को घी में मिलाकर सेवन करने से पित्त के दस्त में लाभ होता है।


मसूढ़ों की सूजन: इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से मसूढ़ों की सूजन कम होती है।


पेशाब का बार-बार आना: खिरैटी की जड़ का चूर्ण चीनी के साथ सेवन करने से इस समस्या से राहत मिलती है।


दुबलापन दूर करना: इसकी जड़ का चूर्ण दूध के साथ लेने से शरीर सुडौल बनता है।


जीवन को निरोग करने वाला चूर्ण: नागबला, अतिबला, और अन्य जड़ी-बूटियों का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से शक्ति में वृद्धि होती है।


यूरिन इंफेक्शन: खिरैटी के बीज और छाल का चूर्ण लेने से मूत्रनलिका की समस्याएं दूर होती हैं।


खूनी बवासीर: बवासीर के रोगियों के लिए विशेष उपाय हैं, जैसे कि बला के पंचांग का काढ़ा।


पेशाब में खून आना: अतिबला की जड़ का काढ़ा पीने से यह समस्या समाप्त होती है।


मासिक धर्म के रोग: मासिक धर्म की अनियमितता के लिए विशेष जड़ी-बूटियों का मिश्रण लाभकारी होता है।


लंबी आयु का संतान सुख: अतिबला और नागकेसर का सेवन करने से दीर्घजीवी संतान की प्राप्ति होती है।