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शुभमन गिल की ऐतिहासिक पारी पर योगराज सिंह की प्रतिक्रिया

शुभमन गिल ने बर्मिंघम में भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच में 269 रन की शानदार पारी खेली, जिसने सभी को प्रभावित किया। हालांकि, पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने गिल के तिहरे शतक से चूकने पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बल्लेबाज के आउट होने पर दुख होता है और युवराज सिंह को भी अब यह एहसास होने लगा है। योगराज ने गिल के प्रदर्शन की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि खिलाड़ियों को अपनी गलतियों से सीखना चाहिए।
 

शुभमन गिल का शानदार प्रदर्शन

भारत और इंग्लैंड के बीच बर्मिंघम के एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन, शुभमन गिल ने 269 रन की एक अद्वितीय पारी खेली। इस पारी ने सभी संदेहों और चिंताओं को समाप्त कर दिया। हालांकि पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल थी, गिल ने अपनी एकाग्रता को बनाए रखा और महत्वपूर्ण मौकों का सही उपयोग किया।


गिल 300 रन के लक्ष्य की ओर बढ़ते दिख रहे थे, और आकाशदीप ने उनका अच्छा साथ दिया। भारत ने चाय तक 564/7 का शानदार स्कोर बना लिया। शुभमन गिल की नजरें 300 रन पर थीं, लेकिन वह 31 रन पीछे रह गए। उनकी एकाग्रता में शायद तब कमी आई जब हैरी ब्रूक ने माइंड गेम खेला। उन्होंने गिल से 290 रन बनाने के बारे में कुछ कहा, जिसके बाद गिल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, लेकिन अगले ओवर में वह आउट हो गए।


योगराज सिंह की निराशा

गिल के बेहतरीन प्रदर्शन की क्रिकेट जगत ने सराहना की, लेकिन पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह निराश दिखे क्योंकि गिल तिहरे शतक से चूक गए। योगराज ने कहा कि अच्छी स्थिति में होने के बावजूद विकेट खोना एक गलती है। उन्होंने यह भी कहा कि बल्लेबाज के आउट होने पर उन्हें दुख होता है, और यह दुख अब युवराज सिंह को भी महसूस होने लगा है।


योगराज ने कहा, "मुझे खुशी है कि युवराज ने अपने अनुभव को कोचिंग के माध्यम से खिलाड़ियों को वापस दिया है। गिल, अभिषेक और अर्शदीप उसके प्रशिक्षु रहे हैं। जब गिल 200 रन पर थे, तो मैं चाहता था कि वह 250 पर नाबाद रहें।"


क्रिकेट के प्रति योगराज का दृष्टिकोण

योगराज ने आगे कहा, "जब आप 200, 250 या 300 पर नाबाद होते हैं, तो आपकी गलतियों का एहसास होता है। शुभमन गिल के बारे में कुछ बातें की गई हैं। मैं चाहता हूं कि हमारे चैनल और लेखक क्रिकेट के बारे में बात करें, लेकिन केवल तब जब उन्होंने खुद खेला हो।"


उन्होंने यह भी कहा कि युवराज और गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों से सीखना चाहिए। वे खिलाड़ियों को डांटते हैं, चाहे उन्होंने कितने भी रन बनाए हों। महान खिलाड़ी हमेशा अपनी गलतियों पर विचार करते हैं।