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77 वर्षीय साबो देवी: गंगा में तैराकी और बर्फीले चैलेंज की विजेता

साबो देवी, हरियाणा की 77 वर्षीय 'रॉकिंग दादी', ने अपनी साहसिकता से सभी को प्रेरित किया है। गंगा में तैराकी करने और बर्फीले चैलेंज को स्वीकार करने वाली साबो देवी ने साबित किया है कि उम्र केवल एक संख्या है। जानें उनके अद्भुत कारनामों के बारे में और कैसे उन्होंने अपने जीवन में चुनौतियों का सामना किया।
 

साबो देवी: एक प्रेरणादायक कहानी

आपने उत्तर प्रदेश के जोहरी गांव की शार्पशूटर चंद्रो और प्रकाशी तोमर की प्रशंसनीय कहानियाँ सुनी होंगी। ये साधारण भारतीय दादी दिखने वाली महिलाएँ दुनिया की सबसे उम्रदराज पेशेवर शूटरों में से एक हैं। अब इस सूची में एक और नाम जुड़ गया है, हरियाणा की साबो देवी, जिन्होंने साबित किया है कि 'उम्र केवल एक संख्या है।'


गंगा में तैराकी और जीवन बचाने का साहस

77 वर्षीय साबो देवी, जिन्हें लोग प्यार से 'रॉकिंग दादी' कहते हैं, तैराकी में माहिर हैं। वह अपने हाथ में एक छड़ी लेकर भी 15 फीट गहरे पानी में कूदने का साहस रखती हैं। उन्होंने हरिद्वार के हर की पौड़ी से गंगा पार की है, और अपने करतबों से बॉलीवुड के एक्शन हीरो को भी पीछे छोड़ दिया है।


बर्फीले चैलेंज को स्वीकार किया

2024 में, साबो देवी ने 'बर्फीला चैलेंज' स्वीकार किया। उन्होंने अपने पोते के साथ बर्फ से भरे टैंक में घंटों बिताए और उन्हें हराया। साबो देवी का जन्म सोनीपत के सितावली गांव में हुआ था। उनके पति की 2016 में मृत्यु हो गई, जिसके बाद उन्होंने अपने तीन बेटों और दो बेटियों को अकेले पाला।


बॉलीवुड के एक्शन हीरो से बेहतर

साबो देवी ने छोटी उम्र में तैराकी सीखी थी। शादी के बाद, उन्होंने अपने पोते सहित दो लोगों की जान बचाई। उनकी साहसिकता ने दर्शकों को हमेशा प्रभावित किया है।


एक मार्गदर्शक और कोच

वह अपने 14 वर्षीय पोते चिराग की कोच भी हैं, जो नियमित रूप से उनके साथ व्यायाम और तैराकी करते हैं। साबो देवी ने लोगों से अपील की है कि वे उनके जैसे खतरनाक करतब करने से बचें और बिना पेशेवर की देखरेख के पानी में कूदने से बचें।