×

75 वर्षीय दादा की अनोखी कचोड़ी बिक्री की कहानी

75 वर्षीय गोविंद दादा की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है। इंदौर में कचोड़ी बेचने वाले दादा न केवल अपने अनोखे तरीके से ग्राहकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि अपनी सेहत का भी ध्यान रखते हैं। कोरोना के बाद ग्राहकों की कमी के बावजूद, वे अपनी मेहनत से जीवन यापन कर रहे हैं। उनकी कहानी को एक यूट्यूब चैनल ने साझा किया है, जिससे लोग उनकी मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं। जानें कैसे दादा ने अंग्रेजी में कचोड़ी बेचना शुरू किया और उनकी संघर्ष की कहानी।
 

कचोड़ी बेचने वाले दादा की अनोखी शैली


कचोड़ी का गर्मागर्म स्वाद हर किसी को भाता है। आमतौर पर लोग इसे दुकानों से खरीदते हैं, लेकिन कुछ लोग इसे घर-घर जाकर बेचते हैं। आपने भी कचोड़ी बेचने वाले को साइकिल या मोटरसाइकिल पर आवाज लगाते हुए देखा होगा। सामान्यतः ये विक्रेता हिंदी या अपनी क्षेत्रीय भाषा में कचोड़ी बेचते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे दादाजी से मिलवाने जा रहे हैं, जो अंग्रेजी में कचोड़ी बेचते हैं।


75 वर्षीय गोविंद दादा की मेहनत

इनसे मिलिए, 75 वर्षीय श्री गोविंद मालवीय। गोविंद दादा मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के डोंगी गांव के निवासी हैं, लेकिन वर्तमान में इंदौर में कचोड़ी बेचते हैं। वे अपनी साइकिल पर इंदौर के मूसाखेड़ी क्षेत्र में कचोड़ियाँ बेचते हैं और पिछले 45 वर्षों से इस काम में लगे हुए हैं।


गोविंद दादा अपनी पत्नी के साथ मिलकर गली-गली कचोड़ी बेचते हैं। हालांकि, अब उन्हें यह काम करने में रुचि नहीं रह गई है। कोरोना महामारी के बाद उनके ग्राहक कम हो गए हैं और मुनाफा भी घट गया है। लेकिन उनके पास कोई संतान नहीं होने के कारण, वे इसी काम से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इसके अलावा, उनका मानना है कि साइकिल चलाने से उनकी सेहत भी ठीक रहती है।


अंग्रेजी में कचोड़ी बेचने की कला

गोविंद दादा कचोड़ी बेचते समय फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। वे बताते हैं कि पहले वे हिंदी में ही कचोड़ी बेचते थे, लेकिन अब समय बदल गया है। बच्चे अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने लगे हैं, इसलिए उन्होंने एक-दो बार अंग्रेजी में बात की। इसके बाद लोग उन्हें अंग्रेजी बोलते हुए पसंद करने लगे।


गोविंद दादा ने पहले गांव से अनाज लेकर भोपाल में बेचा, लेकिन वहां उन्हें नुकसान हुआ। फिर वे इंदौर आए और एक सेठजी ने उन्हें सलाह दी कि नौकरी करने के बजाय खुद का व्यवसाय करें। तब से उन्होंने कचोड़ी बेचना शुरू किया। पहले वे 1 रुपए में एक कचोड़ी बेचते थे, लेकिन अब महंगाई के कारण यह दाम 10 रुपए हो गया है।


दादा की कहानी का वायरल होना

अंग्रेजी में कचोड़ी बेचने वाले दादा की यह कहानी आमची इंदौर नामक यूट्यूब चैनल पर साझा की गई है। लोग इस कहानी को बहुत पसंद कर रहे हैं और भावुक होकर दादा की मदद करने की पेशकश कर रहे हैं। आमची इंदौर ने भी लोगों से अनुरोध किया है कि वे दादा को शादी या पार्टी के ऑर्डर दें, ताकि वे घर पर रहकर कमाई कर सकें और गली-गली घूमने की आवश्यकता न पड़े।


यहां देखें अंग्रेजी में कचोड़ी बेचने वाले दादा