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स्टेम सेल बैंकिंग: नवजात बच्चों में जेनेटिक बीमारियों की पहचान का नया तरीका

स्टेम सेल बैंकिंग एक नई तकनीक है जो नवजात बच्चों में जेनेटिक बीमारियों की पहचान में सहायक हो सकती है। जन्म के समय बच्चे की नाल से खून की जांच करके थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रक्रिया न केवल बीमारी की पहचान में मदद करती है, बल्कि भविष्य में अन्य बच्चों की योजना बनाने में भी सहायक होती है। जानें इस प्रक्रिया के लाभ और भारत में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में।
 

स्टेम सेल बैंकिंग के लाभ

स्टेम सेल बैंकिंग के फायदे

बच्चे के जन्म के समय विभिन्न प्रकार की जांचें करना आवश्यक है, जिससे समय पर बीमारियों का पता लगाया जा सके। प्रारंभिक परीक्षणों के माध्यम से थाइराइड से लेकर जेनेटिक बीमारियों की पहचान की जा सकती है। हालांकि, भारत में ऐसी जांचें कम होती हैं। लेकिन अब चिकित्सकों का मानना है कि स्टेम सेल बैंकिंग जेनेटिक बीमारियों की पहचान में सहायक हो सकती है।

कुछ वर्षों पहले, स्टेम सेल बैंकिंग को भविष्य की सुरक्षा के उपाय के रूप में देखा जाता था, जिसमें बच्चे के जन्म के समय उसकी नाल (कॉर्ड ब्लड) से निकले खून को सुरक्षित रखा जाता था। अब यह प्रक्रिया केवल संग्रहण तक सीमित नहीं रह गई है। नवजात जांच और जेनेटिक परीक्षण में तकनीकी प्रगति ने इसे बच्चे की सेहत के लिए लाभकारी बना दिया है।


स्टेम सेल बैंकिंग के फायदे

स्टेम सेल बैंकिंग के क्या लाभ हैं?

भारत में बच्चों में होने वाली एक गंभीर बीमारी थैलेसीमिया है, जो एक जेनेटिक रक्त विकार है। अधिकतर मामलों में इसका पता नहीं चल पाता। क्रायोवाइवा लाइफ साइंसेज़ की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अदिति कुंदू के अनुसार, नवजात बच्चे की जांच और जेनेटिक परीक्षण से इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है, लेकिन अक्सर पहचान में देरी होती है। स्टेम सेल बैंकिंग इससे बचाव और उपचार में सहायक हो सकती है।


स्टेम सेल बैंकिंग से पहचान की प्रक्रिया

स्टेम सेल बैंकिंग से कैसे हो सकती है पहचान

डॉ. अदिति कुंदू के अनुसार, बच्चे के जन्म के समय माता-पिता को उनके स्टेम सेल को सुरक्षित रखना चाहिए। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि बच्चा थैलेसीमिया से प्रभावित है या नहीं। स्टेम सेल बैंकिंग में बच्चे की नाल के रक्त की जांच की जाती है, जिससे बीमारी का प्रारंभिक पता लगाया जा सकता है, भले ही बच्चे में लक्षण अभी न दिखाई दें। यह जांच परिवार में थैलेसीमिया कैरियर की स्थिति को समझने में मदद करती है, जिससे भविष्य में अन्य बच्चों की योजना बनाने से पहले परीक्षण किया जा सकता है।


भारत में स्टेम सेल बैंकिंग की सुविधाएं

क्या भारत में भी हैं सुविधाएं

भारत के कई प्रमुख अस्पतालों में स्टेम सेल बैंकिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसमें खर्च भी अधिक नहीं है। कई बड़ी कंपनियां यह सेवा प्रदान करती हैं। इसमें बच्चे की नाल को जन्म के समय सुरक्षित रखा जाता है, जिससे थैलेसीमिया सहित कई बीमारियों की पहचान में आसानी होती है।