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सुदीप्तो सेन का फिल्मफेयर पर गुस्सा: 'द केरल स्टोरी' को नहीं मिला अवॉर्ड

फिल्मफेयर अवार्ड्स में 'द केरल स्टोरी' के निर्देशक सुदीप्तो सेन को अवॉर्ड नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं, जिसमें उन्होंने फिल्मफेयर के चयन पर सवाल उठाए हैं। सुदीप्तो ने बिना नाम लिए किरण राव की फिल्म पर भी हमला किया है, जो बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही। जानें सुदीप्तो सेन ने क्या कहा और उनके विचारों पर लोगों की प्रतिक्रिया कैसी रही।
 

सुदीप्तो सेन का फिल्मफेयर पर गुस्सा

फिल्मफेयर पर भड़के सुदिप्तो सेन

फिल्मफेयर अवार्ड्स पर सुदीप्तो सेन की प्रतिक्रिया: हाल ही में आयोजित ’71वें नेशनल फिल्म अवार्ड’ में अदा शर्मा की फिल्म ’द केरल स्टोरी’ के निर्देशक सुदीप्तो सेन को बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार मिला। इसके बाद अहमदाबाद में फिल्मफेयर अवार्ड का आयोजन हुआ, जिसमें सुदीप्तो सेन को कोई पुरस्कार नहीं मिला। बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड आमिर खान की पूर्व पत्नी किरण राव को उनकी फिल्म ‘लापता लेडीज’ के लिए दिया गया, जिस पर सुदीप्तो सेन नाराज हो गए।

सुदीप्तो सेन ने सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर फिल्मफेयर अवार्ड पर हमला करते हुए कहा कि वे सिनेमा के नाम पर हो रहे पाखंड से बच गए हैं। उनकी पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, और कई लोग उनका समर्थन कर रहे हैं।

किस फिल्म पर सुदीप्तो ने किया हमला?

किरण राव की फिल्म ‘लापता लेडीज’ ने कई पुरस्कार जीते हैं, जबकि यह बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही। सुदीप्तो ने बिना फिल्म का नाम लिए अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, ”इस साल का फिल्मफेयर वास्तव में भारतीय “नए वेग” का पर्दाफाश है। एक ऐसी फिल्म जो साहित्यिक चोरी का उदाहरण है और बॉक्स ऑफिस पर 72 घंटे से ज्यादा नहीं टिक पाई। फिर भी, इसने अधिकांश पुरस्कार अपने नाम कर लिए।”

‘पाखंड और बनावटी ताने-बाने से बच गए’

उन्होंने आगे लिखा, ”मुझे समझ आया कि फिल्मफेयर द केरल स्टोरी को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के खिलाफ इतना मुखर क्यों था। मुझे खुशी है कि हमें इस “वुड” कम्युनिटी द्वारा पहचाना नहीं गया। हम बनावटी मुस्कान और चापलूसी से दूर रहे हैं। मुझे गर्व है कि हम इस तमाशे का हिस्सा नहीं बने।”

‘लोग सितारों की चमक से प्रभावित होते हैं’

53 वर्षीय निर्देशक ने अपने पोस्ट में लिखा, ”मैं किसी भी इंडियन सिनेमा फाउंडेशन से किसी खास चीज की उम्मीद नहीं करता, खासकर जब वह मीडिया या सिनेमा पत्रकारिता हो। अधिकांश लोग सितारों की चमक और धन की दुनिया से प्रभावित होते हैं, जैसे गांवों और छोटे शहरों से लोग अमिताभ बच्चन या शाहरुख खान के घर के बाहर इकट्ठा होते हैं।”