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संजू सैमसन ने केरल क्रिकेट लीग में खेलने का लिया फैसला

विकेटकीपर-बल्लेबाज़ संजू सैमसन ने टीम इंडिया से बाहर रहने के बाद केरल क्रिकेट लीग में खेलने का निर्णय लिया है। चोटों और चयन में अनदेखी के बाद, उन्होंने अपनी फॉर्म और आत्मविश्वास को पुनः प्राप्त करने का एक नया रास्ता चुना है। IPL 2025 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, KCL में उनकी भागीदारी से न केवल उन्हें फिटनेस हासिल करने का मौका मिलेगा, बल्कि वह प्रशंसकों के बीच अपनी लोकप्रियता भी बढ़ा सकते हैं। जानें इस नए सफर के बारे में और कैसे यह उनके करियर को प्रभावित कर सकता है।
 

संजू सैमसन का नया कदम

विकेटकीपर-बल्लेबाज़ संजू सैमसन, जो लगातार टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं, ने अब खुद को साबित करने का मन बना लिया है। चोटों और चयन में अनदेखी के बाद, उन्होंने एक नई टीम में खेलने का निर्णय लिया है, जो उनके लिए फॉर्म और आत्मविश्वास को पुनः प्राप्त करने का एक अवसर हो सकता है। आईपीएल में संघर्ष के बाद, उन्होंने एक नई दिशा चुनी है, जिसे देखकर उनके प्रशंसक चौंक सकते हैं।


केरल क्रिकेट लीग में भागीदारी

टीम इंडिया से लगातार नजरअंदाज किए जाने के बाद, संजू सैमसन ने किसी विदेशी टीम के बजाय केरल क्रिकेट लीग (KCL) के आगामी सीज़न में खेलने का निर्णय लिया है। केरल क्रिकेट एसोसिएशन (KCA) के गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन नज़ीर माचन ने इस बात की पुष्टि की है।


नीलामी में पंजीकरण

संजू सैमसन ने 5 जुलाई को होने वाली नीलामी के लिए आधिकारिक तौर पर पंजीकरण करवा लिया है। पिछले सीज़न में वह केवल ब्रांड एंबेसडर थे, लेकिन इस बार वह कैटेगरी A के 39 प्रमुख खिलाड़ियों में शामिल हैं।


IPL 2025 का निराशाजनक अनुभव

IPL 2025 सैमसन के लिए काफी निराशाजनक रहा। शुरुआत में उंगली में फ्रैक्चर के कारण वह केवल इम्पैक्ट प्लेयर की भूमिका में सीमित रह गए। इसके बाद पेट की चोट ने उन्हें पूरी तरह से टूर्नामेंट से बाहर कर दिया।


संजू की जगह 14 साल के वैभव सूर्यवंशी को डेब्यू करने का मौका मिला। वापसी पर उन्हें नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करनी पड़ी और पूरे सीज़न में उन्होंने केवल 285 रन (9 मैचों में) बनाए। सिर्फ एक अर्धशतक और औसत 35.62 उनके संघर्ष को दर्शाता है।


KCL में वापसी का अवसर

अब सैमसन के पास KCL के माध्यम से न केवल फिटनेस और मैच प्रैक्टिस हासिल करने का मौका होगा, बल्कि वह प्रशंसकों के बीच अपनी लोकप्रियता और मैदान पर अपनी उपयोगिता भी साबित कर सकते हैं।


उनकी मौजूदगी से टूर्नामेंट को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी और सैमसन खुद को टीम इंडिया के दरवाज़े पर फिर से दस्तक देने के लिए तैयार कर पाएंगे। यदि वह इस मंच पर रन बनाते हैं, तो यह वापसी की सबसे मजबूत दस्तक बन सकती है।