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शारदीय नवरात्रि 2025: शक्ति पीठों की यात्रा

शारदीय नवरात्रि 2025 का पर्व 22 सितंबर से शुरू होगा, जिसमें देवी माँ के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। इस दौरान देशभर में देवी मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन होगा। यहाँ हम आपको देवी सती के 52 शक्ति पीठों की जानकारी दे रहे हैं, जो विश्वभर में फैले हुए हैं। जानें उत्तर प्रदेश, उत्तर भारत, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के प्रमुख शक्ति पीठों के बारे में।
 

शारदीय नवरात्रि 2025


शारदीय नवरात्रि 2025: शारदीय नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर 2025 से प्रारंभ होगा। इस उत्सव के दौरान, देवी माँ के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस समय देश और विदेश में सभी देवी माता के मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दौरान भक्तों की भीड़ देवी मंदिरों में बढ़ जाती है। देवी सती के 52 शक्ति पीठ विश्वभर में स्थापित हैं। इन प्राचीन और चमत्कारी शक्ति पीठों की महिमा अपार है। ऐसा माना जाता है कि जब माता सती ने अपने प्राण त्यागे, तो भगवान शिव ने अपनी पत्नी देवी सती के शरीर को उठाया और दुख में तांडव करने लगे। शिव तांडव के कारण विनाश की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसे रोकने के लिए भगवान विष्णु ने माता सती के शरीर के अंगों को अपने सुदर्शन चक्र से काट दिया। जहाँ-जहाँ उनके अंग गिरे, वहाँ शक्ति पीठ स्थापित हुए।



शारदीय नवरात्रि के इस पावन अवसर पर, आप अपने निकटतम या पसंदीदा शक्ति पीठ में दर्शन के लिए जा सकते हैं। यहाँ आपको माता के गिरे हुए अंगों के नाम, स्थान और विवरण दिए जा रहे हैं।


उत्तर प्रदेश के शक्ति पीठ


1. मणिकर्णिका घाट, वाराणसी, उत्तर प्रदेश - यहाँ माता सती का मणिकर्णिका गिरा। यहाँ विशालाक्षी और मणिकर्णी रूपों की पूजा होती है।


2. माता लालिता देवी शक्ति पीठ, प्रयागराज - यहाँ माता सती के हाथ की अंगुली गिरी। यहाँ उन्हें माता लालिता के नाम से जाना जाता है।


3. माता सती का दाहिना स्तन रामगिरी, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश में गिरा। यहाँ उनकी पूजा माता शिवानी के रूप में होती है।


4. उमा शक्ति पीठ, वृंदावन, उत्तर प्रदेश में स्थित है। इसे कात्यायनी शक्ति पीठ भी कहा जाता है। यहाँ माता के बालों का गुच्छा और चूड़ामणि गिरी।


5. माता का बायां कंधा देवी पाटन मंदिर, बलरामपुर में गिरा। इस शक्ति पीठ में माता मातेश्वरी के रूप में विराजमान हैं।


उत्तर भारत के शक्ति पीठ


6. नैनादेवी मंदिर - माता सती की आंख शिमला के बिलासपुर में गिरी। यहाँ माता देवी को महिषा मर्दिनी कहा जाता है।


7. ज्वाला जी शक्ति पीठ - माता का जीभ कांगड़ा, हिमाचल में गिरा, जिसके कारण इसे सिद्धिदा या अम्बिका कहा गया।


8. महामाया शक्ति पीठ, माता सती का गला पहलगाम, कश्मीर में गिरा। यहाँ अमरनाथ, महामाया की पूजा होती है।


मध्य प्रदेश के शक्ति पीठ


9. हरसिद्धि देवी शक्ति पीठ - मध्य प्रदेश में देवी के दो शक्ति पीठ हैं। इनमें से एक हरसिद्धि देवी शक्ति पीठ है, जहाँ माता सती का कोहनी गिरी। यह रुद्र सागर झील के पश्चिमी किनारे पर स्थित है।


10. शोनदेव नर्मता शक्ति पीठ - माता का दाया नितंब अमरकंटक, मध्य प्रदेश में गिरा। यहाँ माता को नर्मदा के रूप में पूजा जाता है।


पंजाब और हरियाणा के शक्ति पीठ


11. त्रिपुर मलिनी माता शक्ति पीठ - माता का बायां पैर जालंधर, पंजाब में गिरा।


12. माता सावित्री का शक्ति पीठ, माता के पैर की एड़ी कुरुक्षेत्र, हरियाणा में गिरी। यहाँ माता सावित्री का शक्ति पीठ स्थित है।


13. माँ भद्राकाली देविकूप मंदिर, माता का दायां टखना कुरुक्षेत्र, हरियाणा में गिरा। यहाँ माँ भद्राकाली की पूजा होती है।


महाराष्ट्र के शक्ति पीठ


14. माँ के भ्रामरी रूप का शक्ति पीठ, माता का ठोड़ी महाराष्ट्र के जनस्थान में गिरी। इसके बाद यहाँ माँ के भ्रामरी रूप की पूजा होने लगी।


राजस्थान के शक्ति पीठ


15. मणिबंध शक्ति पीठ - माता सती के दो हाथ पुष्कर, अजमेर के गायत्री पर्वत पर गिरे। यहाँ देवी का गायत्री रूप पूजा जाता है।


16. माँ अम्बिका का शक्ति पीठ, राजस्थान के बिराट में स्थित है। यहाँ माता सती के बाएं पैर की अंगुली गिरी।


17. माताबाड़ी पर्वत शिखर शक्ति पीठ - यह त्रिपुरा के उदारपुर के राधाकिशोरपुर गाँव में है। यहाँ देवी का दाहिना पैर गिरा। यहाँ देवी को त्रिपुर सुंदरी कहा जाता है।



गुजरात के शक्ति पीठ


18. अंबाजी मंदिर शक्ति पीठ - गुजरात में माँ अंबाजी का मंदिर है। यहाँ देवी का हृदय गिरा था।


19. माँ चंद्रभागा शक्ति पीठ, जूनागढ़, माता सती का पेट जूनागढ़, गुजरात में गिरा। यहाँ देवी को चंद्रभागा के नाम से जाना जाता है।