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मध्यप्रदेश में गणित के महत्व को बढ़ावा देने की पहल

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन जिले के डोंगला को गणित और खगोल विज्ञान के केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना की घोषणा की है। 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाली कार्यशाला में वैदिक गणित की वैज्ञानिकता और आधुनिक गणित के संबंध पर चर्चा की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य युवाओं में गणित के प्रति रुचि बढ़ाना और तार्किक सोच को विकसित करना है। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में और कैसे यह प्रदेश की वैज्ञानिक पहचान को सशक्त बनाएगा।
 

डोंगला को वैज्ञानिक केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि उज्जैन जिले का ऐतिहासिक डोंगला अब भारतीय ज्ञान परंपरा, खगोल विज्ञान और गणितीय अनुसंधान का एक प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है। प्राचीन काल से, डोंगला समय-गणना, सूर्य की गति, पंचांग निर्माण और गणना का एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है। यहाँ पर काल-गणना, ऋतु परिवर्तन और खगोलीय घटनाओं का सटीक अध्ययन किया जाता रहा है।


डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार इस ऐतिहासिक और वैज्ञानिक धरोहर को पुनर्जीवित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। डोंगला को गणना, खगोल और वैज्ञानिक चेतना का केंद्र बनाने का यह प्रयास प्रदेश की वैज्ञानिक पहचान को और मजबूत करेगा।


मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर गणित के महत्व को उजागर करने के लिए विभिन्न जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। इसका मुख्य कार्यक्रम उज्जैन जिले के डोंगला में 22 दिसंबर को होगा, जिसमें 'भारत की वैदिक गणित परंपरा' विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला में प्रदेश और देश के प्रमुख विशेषज्ञ, शोधार्थी, शिक्षाविद् और शिक्षक भाग लेंगे।


कार्यशाला में वैदिक गणित की वैज्ञानिकता, आधुनिक गणित से उसका संबंध और शिक्षा में इसके अनुप्रयोग पर गहन चर्चा की जाएगी। इस दौरान प्रतिभागी सूर्य के उत्तरायण होने के खगोलीय क्षण का साक्षी भी बनेंगे, जो भारतीय ज्योतिष, गणित और खगोल विज्ञान की समृद्ध परंपरा से जुड़ने का एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा।


मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा प्रदेश के लगभग 38 जिलों में 170 से अधिक विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, वैज्ञानिक संस्थाओं, स्वैच्छिक संगठनों और विद्यालयों में गणित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में व्याख्यान, प्रतियोगिताएं, संवाद सत्र और प्रदर्शनियां शामिल होंगी। विद्यार्थियों और आम जनता तक गणित की उपयोगिता, तार्किक सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पहुँचाने में स्वैच्छिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी भी महत्वपूर्ण होगी।


यह ध्यान देने योग्य है कि राष्ट्रीय गणित दिवस 22 दिसंबर को महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य युवाओं में गणित के प्रति रुचि बढ़ाना, तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना और यह संदेश देना है कि गणित देश के वैज्ञानिक, तकनीकी और आर्थिक विकास की मजबूत आधारशिला है।