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भारतीय टीम की हार के बाद मोहसिन नकवी से चेक और मेडल लेने से इनकार

अंडर-19 एशिया कप 2025 के फाइनल में भारतीय टीम को पाकिस्तान के खिलाफ 191 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद, कप्तान आयुष म्हात्रे और उनकी टीम ने एसीसी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी से मेडल और चेक लेने से इनकार कर दिया। यह निर्णय क्यों लिया गया, इस पर सवाल उठ रहे हैं। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और भारतीय टीम की स्थिति के बारे में।
 

भारतीय टीम की हार का सामना


Mohsin Naqvi: आज अंडर-19 एशिया कप 2025 के फाइनल में भारतीय टीम को पाकिस्तान के खिलाफ 191 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में भारतीय टीम की गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों ही कमजोर साबित हुईं, और टीम ने कई महत्वपूर्ण कैच भी छोड़े। शुरुआत में समीर मिन्हास का कैच छोड़ने का खामियाजा भारत को भुगतना पड़ा, क्योंकि उन्होंने 172 रनों की शानदार पारी खेली।


कप्तान का निर्णय

भारतीय टीम की हार के बाद कप्तान आयुष म्हात्रे ने सूर्यकुमार यादव के निर्णय का समर्थन किया और रनरअप का चेक लेने के लिए पोडियम पर नहीं गए, क्योंकि वहां मोहसिन नकवी खड़े थे।


मेडल और चेक लेने से इनकार

भारतीय टीम इस मैच में कहीं भी प्रभावी नजर नहीं आई, जिसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वे टूर्नामेंट की उपविजेता बनीं। एसीसी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी भारतीय टीम को रनरअप का चेक और मेडल देने के लिए पोडियम पर आए, लेकिन टीम के खिलाड़ियों और कप्तान ने स्टेज पर जाने से मना कर दिया।


यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय टीम ने यह निर्णय क्यों लिया, लेकिन उन्होंने मोहसिन नकवी से मेडल और ट्रॉफी नहीं ली। इसके बाद एसीसी के अन्य सदस्यों को मेडल और ट्रॉफी देने के लिए आना पड़ा।


सूर्यकुमार यादव का निर्णय

सूर्यकुमार यादव ने एशिया कप 2025 में पाकिस्तानी टीम से हाथ न मिलाने का निर्णय लिया था, और पूरे टूर्नामेंट में ऐसा करते रहे। जब भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप 2025 का खिताब जीता, तब भी उन्होंने मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया।


मोहसिन नकवी ट्रॉफी लेकर अपने होटल लौट गए, और भारतीय टीम को अब तक एशिया कप 2025 की ट्रॉफी नहीं मिली है। यदि भारतीय टीम फाइनल जीत जाती, तो यह नाटक फिर से देखने को मिलता, क्योंकि मोहसिन नकवी ट्रॉफी देने को अपना अधिकार मानते हैं।