भारत में सोशल मीडिया और OTT प्लेटफार्मों के लिए नए नियम: जानें 10 महत्वपूर्ण बदलाव
सोशल मीडिया और OTT प्लेटफार्मों के लिए नए नियम
Social Media Rules IndiaImage Credit source: Canva
सोशल मीडिया और OTT प्लेटफार्मों के नियम: भारत सरकार ने सोशल मीडिया और OTT प्लेटफार्मों पर अश्लीलता, गलत जानकारी और साइबर अपराधों को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। सरकार का उद्देश्य एक सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट बनाना है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए। आईटी अधिनियम 2000, आईटी नियम 2021 और भारतीय न्याय संहिता के तहत डिजिटल प्लेटफार्मों पर कानूनी नियंत्रण बढ़ाया गया है। नियमों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की प्राथमिकता: ओपन और सुरक्षित इंटरनेट
सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसकी नीतियों का लक्ष्य भारत में एक ओपन, सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट बनाना है। इसमें विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाने पर जोर दिया गया है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इंटरनेट पर कोई भी अवैध, अश्लील या भ्रामक सामग्री प्रसारित न हो। इस दिशा में कानूनी और प्रशासनिक कदम उठाए गए हैं।
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आईटी अधिनियम 2000 और आईटी नियम 2021 से निगरानी में वृद्धि
आईटी अधिनियम 2000 और आईटी नियम 2021 के तहत डिजिटल प्लेटफार्मों की जिम्मेदारी स्पष्ट की गई है। इन कानूनों में अश्लील सामग्री, प्राइवेसी उल्लंघन और साइबर अपराधों के लिए दंड का प्रावधान है। पुलिस को जांच, तलाशी और गिरफ्तारी के अधिकार भी दिए गए हैं। आईटी नियम 2021 के तहत कंपनियों को अवैध सामग्री को रोकने और हटाने की जिम्मेदारी दी गई है।
निर्धारित समय में हटाना होगा अवैध कंटेंट
आईटी नियम 2021 के अनुसार, अवैध सामग्री को कोर्ट या सरकार के निर्देश पर निर्धारित समय में हटाना अनिवार्य है। प्राइवेसी से संबंधित, नकली पहचान या नग्नता वाली सामग्री को 24 घंटे के भीतर हटाना आवश्यक है। प्रत्येक प्लेटफार्म को शिकायत अधिकारी (Grievance Officer) नियुक्त करना होगा और 72 घंटे के भीतर शिकायत का समाधान करना होगा। यदि प्लेटफार्म ऐसा नहीं करता है, तो उपयोगकर्ता शिकायत अपीलीय समिति (Grievance Appellate Committee) में अपील कर सकता है।
फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स पर अतिरिक्त जिम्मेदारियां
जिन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के भारत में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं, उन्हें महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ (Significant Social Media Intermediary) माना गया है। ऐसे प्लेटफार्मों को भारत में स्थानीय अधिकारी नियुक्त करना, अनुपालन रिपोर्ट जारी करना और कानून एजेंसियों को सहयोग देना अनिवार्य है। गंभीर मामलों में संदेश भेजने वाले का पता लगाने में मदद भी करनी होगी। नियमों का पालन न करने पर इन्हें आईटी अधिनियम की कानूनी सुरक्षा नहीं मिलेगी।
OTT प्लेटफार्मों पर सरकार का सख्त रुख
OTT प्लेटफार्मों के लिए आईटी नियम 2021 के भाग-III में आचार संहिता लागू की गई है। OTT प्लेटफार्मों को ऐसा कोई कंटेंट दिखाने की अनुमति नहीं है जो कानून के खिलाफ हो। सरकार ने अब तक 43 OTT प्लेटफार्मों को अश्लील सामग्री दिखाने के आरोप में भारत में ब्लॉक किया है। यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने लोकसभा में दी, जिससे स्पष्ट है कि OTT क्षेत्र पर भी सरकार की नजर बनी हुई है।
10 महत्वपूर्ण बदलावों की सूची
- सरकार ने सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट को नीति का मुख्य उद्देश्य बनाया है, खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर जोर दिया गया है।
- आईटी अधिनियम 2000 और आईटी नियम 2021 के तहत अश्लील, भ्रामक और अवैध ऑनलाइन सामग्री पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
- सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को अब अश्लील, पोर्नोग्राफिक, घृणास्पद और भ्रामक सामग्री को होस्ट या साझा करने से रोकना अनिवार्य होगा।
- डीपफेक, एआई से बनी फर्जी पहचान और पहचान की नकल करने वाले कंटेंट पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।
कोर्ट या सरकार के आदेश पर अवैध सामग्री को निर्धारित समय सीमा में हटाना अब कानूनी जिम्मेदारी है। - नग्नता, प्राइवेसी उल्लंघन और फर्जी पहचान से संबंधित सामग्री को 24 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य कर दिया गया है।
- हर डिजिटल प्लेटफार्म को शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा और 72 घंटे के भीतर शिकायत का समाधान करना आवश्यक होगा।
- 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाले प्लेटफार्मों को भारत में स्थानीय अधिकारी नियुक्त करने और अनुपालन रिपोर्ट जारी करने का नियम लागू हुआ है।
- गंभीर अपराधों से जुड़े संदेश के मूल स्रोत को ट्रेस करने में सोशल मीडिया कंपनियों को जांच एजेंसियों की मदद करनी होगी।
- OTT प्लेटफार्मों को भी आचार संहिता का पालन करना होगा और कानून के खिलाफ सामग्री दिखाने पर प्लेटफार्म को भारत में ब्लॉक किया जा सकता है।