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भारत का अल्कोहल बाजार: वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों की ओर

भारत का अल्कोहल बाजार वैश्विक स्तर पर तेजी से उभर रहा है, जिसमें प्रीमियम श्रेणी की खपत में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। IWSR की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2025 की पहली छमाही में टोटल बेवरेज अल्कोहल की खपत में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है। भारतीय व्हिस्की इस क्षेत्र में सबसे बड़ा हिस्सा रखती है, जबकि अन्य स्पिरिट्स जैसे वोडका और रम में भी वृद्धि देखी गई है। जानें कि कैसे भारत वैश्विक अल्कोहल बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है और भविष्य में क्या संभावनाएं हैं।
 

भारत का अल्कोहल मार्केट में उभरता स्थान

अल्कोहल मार्केट में भारत ने मारी बाजी

भारत अब वैश्विक अल्कोहल बाजार में एक प्रमुख और तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र के रूप में उभरा है। बढ़ती खपत, प्रीमियम श्रेणी की लोकप्रियता और घरेलू स्पिरिट्स की गुणवत्ता ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष स्थान दिलाया है। 2025 की पहली छमाही में, भारत ने कुल पेय अल्कोहल (TBA) की खपत में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है। IWSR की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून के बीच TBA की खपत में सालाना 7% की वृद्धि हुई, जो 440 मिलियन 9-लीटर केस से अधिक पहुंच गई।

स्पिरिट्स के क्षेत्र में भारतीय व्हिस्की का सबसे बड़ा हिस्सा है, जिसमें सालाना 7% की वृद्धि देखी गई। इसी अवधि में वोडका में 10%, रम में 2%, और जिन व जेनेवर में 3% की वृद्धि हुई। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, IWSR की रिसर्च हेड-एशिया पैसिफिक, सारा कैंपबेल ने बताया कि भारत में व्हिस्की स्पिरिट्स श्रेणी का प्रमुख विकास इंजन बनी हुई है, जो बेहतर गुणवत्ता, बढ़ते उपभोक्ता आधार और मजबूत आर्थिक स्थिति के कारण है.

भारत का वैश्विक स्थान

IWSR की छमाही रिपोर्ट में भारत ने उन 20 वैश्विक बाजारों में सबसे तेजी से टोटल बेवरेज अल्कोहल (TBA) खपत बढ़ाने का रिकॉर्ड बनाया है, जिनमें चीन, अमेरिका, ब्राजील, रूस, मैक्सिको, जर्मनी, जापान, यूके और अन्य शामिल हैं। दीर्घकालिक अनुमान के अनुसार, भारत 2027 तक जापान और 2033 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर विश्व में पांचवां सबसे बड़ा अल्कोहल बाजार बन सकता है।

प्रीमियम सेगमेंट में वृद्धि

भारत में प्रीमियम और उससे ऊपर के अल्कोहल सेगमेंट ने ग्रॉस ग्रोथ को पीछे छोड़ दिया है। चालू वर्ष की पहली छमाही में इसकी मात्रा और मूल्य दोनों में 8% की वृद्धि हुई। रेडी-टू-ड्रिंक (RTD) पेय पदार्थों में सबसे तेज 11% की वृद्धि हुई, इसके बाद बीयर में 7%, स्पिरिट्स में 6% की बढ़ोतरी रही, जबकि वाइन की खपत स्थिर रही।

कैटेगरी में विशेष रुझान

आयरिश व्हिस्की में 23% और एगेव-बेस्ड स्पिरिट्स में 19% की वृद्धि हुई, जबकि अमेरिकी व्हिस्की की खपत में 10% की कमी आई। भारतीय सिंगल माल्ट्स ने स्कॉच माल्ट्स का कुछ हिस्सा हासिल किया है। ब्लेंडेड स्कॉच की खपत स्थिर रही। ब्रांडी में फ्लेवर्ड वेरिएंट और दक्षिणी राज्यों में कंसोलिडेशन देखा गया, जबकि फ्लेवर्ड वोडका लगातार बढ़ रही है.