प्रेग्नेंसी के लिए सही समय: ओव्यूलेशन पीरियड की पहचान कैसे करें
ओव्यूलेशन पीरियड की जानकारी
ओव्यूलेशन पीरियड: कई लोग इस समस्या से जूझते हैं कि वे माता-पिता नहीं बन पा रहे हैं। इसके लिए वे कई प्रयास करते हैं, लेकिन सफलता नहीं मिलती। अधिकांश लोगों को यह जानकारी नहीं होती कि प्रेग्नेंसी के लिए महीने के किन दिनों में सबसे अधिक संभावनाएं होती हैं।
इसका मुख्य कारण यह है कि वे सही तरीके से योजना नहीं बना पाते और गलतियाँ कर बैठते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि महीने के किन दिनों में संबंध बनाने से प्रेग्नेंसी के सबसे अधिक चांस होते हैं।
ओव्यूलेशन पीरियड का महत्व
हर महिला का ओव्यूलेशन पीरियड अलग होता है: प्रेग्नेंसी के लिए सबसे अधिक संभावनाएं ओव्यूलेशन पीरियड के दौरान होती हैं। लेकिन हर महिला का ओव्यूलेशन पीरियड भिन्न हो सकता है, इसलिए लोग गलतियाँ कर देते हैं। यह महिला के मासिक धर्म चक्र पर निर्भर करता है। इस समय महिलाओं के शरीर में अंडाणु बनते हैं, जो 12 से 24 घंटे तक जीवित रहते हैं। इस दौरान संबंध बनाने से प्रेग्नेंसी के सबसे अधिक चांस होते हैं।
ओव्यूलेशन पीरियड का पता कैसे लगाएं?
अब यह जानना आवश्यक है कि ओव्यूलेशन पीरियड का पता कैसे लगाया जाए। इसके लिए एक सरल सूत्र है। नियमित 28 दिनों के चक्र वाली महिलाओं के लिए, ओव्यूलेशन आमतौर पर पीरियड शुरू होने के 14वें दिन के आसपास होता है। महिला के शरीर में शुक्राणु लगभग 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं, इसलिए पीरियड्स के 10वें से 17वें दिन के बीच संबंध बनाना उचित होता है। यदि आप ओव्यूलेशन से 2 या 3 दिन पहले भी संबंध बनाते हैं, तो भी प्रेग्नेंसी के चांस होते हैं।
- कई महिलाओं का मासिक धर्म चक्र 28 या 30 दिन का नहीं होता, उनके लिए ओव्यूलेशन पीरियड अलग होता है।
 - जिन महिलाओं का चक्र 21 दिन का होता है, उनमें पीरियड्स के बाद 7वें दिन के आसपास ओव्यूलेशन हो सकता है।
 - जिनका चक्र 35 दिन का होता है, उनमें 21वें दिन के आसपास ओव्यूलेशन होता है। इसलिए 14 दिन वाला सूत्र सभी पर लागू नहीं होता।
 
ओव्यूलेशन का पता लगाने के अन्य तरीके
इन तरीकों से भी लगता है पता: ओव्यूलेशन डेट का पता लगाने के लिए कुछ अन्य तरीके भी हैं। इसके लिए ओव्यूलेशन किट का उपयोग किया जा सकता है। ये किट पेशाब में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) के स्तर का पता लगाती हैं, जो ओव्यूलेशन से पहले बढ़ जाता है। इस तरह लोग ओव्यूलेशन का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा, इस पीरियड के दौरान महिलाओं के शरीर का तापमान बढ़ जाता है। साथ ही, कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट में भी इस दौरान कुछ बदलाव होते हैं।