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लक्ष्मी मांचू: भारतीय सिनेमा में महिलाओं की चुनौतियाँ और उनकी यात्रा

लक्ष्मी मांचू, भारतीय सिनेमा की एक प्रमुख अभिनेत्री, ने अपनी यात्रा और उद्योग में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें अपने लिए अवसर बनाने पड़े और किस प्रकार की स्क्रिप्ट्स उन्हें निराश करती हैं। मांचू ने नए कलाकारों को आत्म-सम्मान बनाए रखने और अपनी सीमाओं को जानने की सलाह दी। उनकी नई फिल्म 'दक्ष' उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो उनके लिए एक सपना सच होने जैसा है। जानें उनके अनुभव और प्रेरणा के स्रोत।
 

लक्ष्मी मांचू की यात्रा

लक्ष्मी मांचू, जो अपनी साहसी व्यक्तित्व और बहुपरकारी प्रतिभा के लिए जानी जाती हैं, ने भारतीय सिनेमा में एक अनोखी पहचान बनाई है। पुरुष-प्रधान उद्योग में अपनी जगह बनाने से लेकर अपने रचनात्मक प्रोजेक्ट्स को संभालने तक, उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में खुलकर बात की है। मांचू ने बताया कि कैसे वे फिल्म 'दक्ष' के माध्यम से रूढ़ियों को तोड़ने का प्रयास कर रही हैं। इस बातचीत में, उन्होंने फिल्म उद्योग में सेक्सिज़्म, अपनी व्यक्तिगत विकास यात्रा, और सीमाओं को पार करने की प्रेरणा के बारे में चर्चा की।


महिलाओं के लिए अवसरों की आवश्यकता

क्या भारतीय सिनेमा में महिलाओं के लिए अपने अवसर खुद बनाना जरूरी हो गया है, जबकि अधिकांश स्क्रिप्ट पुरुष नायक को प्राथमिकता देती हैं? मांचू ने कहा कि यह सच है कि भारत में एक अभिनेत्री के लिए चुनौतीपूर्ण अवसर खोजना कठिन है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे रीज़ विदरस्पून ने अपने करियर को नया मोड़ दिया और महिला-केंद्रित कहानियों के अधिकार खरीदकर उन्हें प्रोड्यूस करना शुरू किया।


स्क्रिप्ट की गुणवत्ता पर निराशा

मांचू ने कहा कि कई बार उन्हें जो स्क्रिप्ट मिलती हैं, वे निराशाजनक होती हैं। उन्होंने कहा कि कभी-कभी उन्हें यह सोचकर गुस्सा आता है कि क्या उन स्क्रिप्ट्स को पहले किसी ने नहीं पढ़ा।


पितृसत्तात्मक नीतियों में बदलाव

पंद्रह वर्षों से तमिल और तेलुगु सिनेमा का हिस्सा रहने के बाद, मांचू ने कहा कि पितृसत्तात्मक नीतियों में बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि अमेरिका जाने का कारण भी यही था कि वे इन नीतियों से परेशान थीं।


नए कलाकारों के लिए सलाह

तेलुगु उद्योग में मौजूद विषाक्तता को देखते हुए, मांचू ने नए कलाकारों को सलाह दी कि वे अपनी सीमाओं को जानें और अपने आत्म-सम्मान को बनाए रखें।


अपनी यात्रा का वर्णन

मांचू ने अपनी यात्रा को एक छोटे बिल्ली से एक बाघिन में बदलने के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उन्हें अपने असली स्वरूप को पहचानने में मददगार रही।


फिल्म 'दक्ष' का महत्व

उनकी नई फिल्म 'दक्ष' उनके जीवन और करियर में एक नए चरण का संकेत देती है। मांचू ने कहा कि यह उनके लिए एक सपना सच होने जैसा है।


काम करने की प्रेरणा

मांचू ने कहा कि उन्हें काम करने से कोई रोकता नहीं है, लेकिन जो स्क्रिप्ट उन्हें मिलती हैं, वे अक्सर निराशाजनक होती हैं।


दक्ष में अभिनय करने का कारण

उनका 'दक्ष' में अभिनय करने का मुख्य कारण यह था कि उनके पिता इसे प्रोड्यूस कर रहे थे।