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मध्य प्रदेश में सोयाबीन किसानों को 810 करोड़ रुपये का लाभ

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रतलाम जिले में 3.77 लाख सोयाबीन किसानों के खातों में 810 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। यह राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी गई है। भावांतर योजना के तहत, यदि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम मिलता है, तो सरकार उनकी भरपाई करती है। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय में स्थिरता लाना है। जानें इस योजना के बारे में और कैसे यह किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।
 

मुख्यमंत्री का बड़ा कदम

भोपाल


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रतलाम जिले के जावरा में 3.77 लाख सोयाबीन किसानों के लिए 810 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की। यह राशि सीधे किसानों के खातों में एक क्लिक के माध्यम से भेजी गई है।


कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस अवसर पर गवर्नमेंट भगत सिंह कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल समेत अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। कार्यक्रम में विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी किया गया।


भावांतर योजना का लाभ

नुकसान की भरपाई की जाती है


हाल ही में शुरू की गई भावांतर योजना के तहत, यदि किसानों को अपनी फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम मिलता है, तो सरकार उनकी भरपाई करती है। इससे पहले, इस योजना के तहत 6.44 लाख किसानों के खातों में 1,292 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं।


किसानों की आय में स्थिरता

आय में स्थिरता लाई जा रही


इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलता है जिन्होंने भावांतर योजना में रजिस्ट्रेशन कराया है। इस बार सोयाबीन उत्पादक किसानों को इसका लाभ दिया गया है, जिससे उनकी आय में स्थिरता बनी रहती है और उन्हें कम दाम पर फसल बेचने पर भी नुकसान नहीं उठाना पड़ता।


किसानों की प्राथमिकता

सरकार की प्राथमिकता किसान


सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5,328 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जिससे किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की गई है। मोहन यादव ने कई बार कहा है कि उनकी सरकार की प्राथमिकता किसानों का कल्याण है और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलना चाहिए।