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मध्य प्रदेश में मूंग की खरीद में देरी से किसानों को हो रहा नुकसान

मध्य प्रदेश में मूंग की सरकारी खरीद में देरी के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस वर्ष, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से 1500 रुपए कम मिल रहे हैं, जिससे उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रुपए से अधिक का नुकसान हो रहा है। हरदा मंडी में मूंग की आवक में कमी आई है, और किसान समय पर सरकारी खरीद की मांग कर रहे हैं। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और किसानों की चिंताओं के बारे में।
 

मध्य प्रदेश में मूंग की खरीद की स्थिति


मध्य प्रदेश के हरदा मंडी की खबर: राज्य में मूंग की सरकारी खरीद में देरी के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। आमतौर पर, राज्य सरकार अप्रैल और मई में मूंग की खरीद के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करती है, लेकिन इस बार अब तक यह प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। हरदा मंडी में पिछले 20 से 25 दिनों से नई मूंग की फसल की आवक जारी है।


किसानों को मिल रहा कम मूल्य

किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से 1500 रुपए कम मिल रहे हैं

केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 8682 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। हालांकि, 2025-26 में यह मूल्य 104 रुपए बढ़कर 8786 रुपए हो गया है। वर्तमान में मंडी में किसानों को 5500 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच मूल्य मिल रहा है, जिससे उन्हें एमएसपी से 1500 रुपए कम मिल रहा है। इससे प्रति एकड़ फसल में किसानों को 10 हजार रुपए से अधिक का नुकसान हो रहा है।


किसानों को हो रहा बड़ा नुकसान

किसानों को हो रहा बड़ा नुकसान

सूत्रों के अनुसार, हरदा मंडी में इस सीजन में अब तक 20 हजार क्विंटल मूंग की आवक हुई है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 50 हजार क्विंटल था। इस साल कीमतों में गिरावट के कारण किसानों को प्रतिदिन लगभग 80 से 90 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है।


किसान मांग कर रहे हैं सरकारी खरीद की शुरुआत

किसान मांग कर रहे हैं कि मूंग की सरकारी खरीद जल्द शुरू की जाए

किसान लगातार भाजपा नेताओं और मंत्रियों को ज्ञापन देकर समय पर मूंग की खरीद शुरू करने की अपील कर रहे हैं। मंडी प्रशासन का कहना है कि बारिश के कारण मूंग में नमी के चलते कम दाम मिल रहे हैं। साफ और सूखे मूंग के दाम 7900 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल रहे हैं।