भौतिकी और एआई का संगम: नई न्यूरल नेटवर्क से हल होती है क्लासिक समीकरण
नवीनतम एआई तकनीक का विकास
डॉ. साई नेत्रा बेतेगिरी ने एक नई कृत्रिम बुद्धिमत्ता विधि विकसित की है, जो मशीन लर्निंग और भौतिकी को मिलाकर विज्ञान के सबसे मौलिक समीकरणों में से एक - एडवेक्शन समीकरण को हल करती है। पायटॉर्च में निर्मित एक भौतिकी-सूचित न्यूरल नेटवर्क (PINN) का उपयोग करते हुए, डॉ. बेतेगिरी ने दिखाया कि कैसे एआई समस्याओं के समाधान में तेजी और सटीकता ला सकता है, जो दशकों से इंजीनियरों और भौतिकविदों के लिए चुनौतीपूर्ण रही हैं।
एडवेक्शन समीकरण का महत्व
एडवेक्शन समीकरण यह वर्णन करता है कि गर्मी, प्रदूषक या तरंगें कैसे स्थान और समय में चलती हैं। यह मौसम पूर्वानुमान, जलवायु मॉडलिंग और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का एक महत्वपूर्ण आधार है। पारंपरिक रूप से, इसे हल करने के लिए भारी गणना और सख्त स्थिरता की शर्तों की आवश्यकता होती है, लेकिन नई विधि दिखाती है कि एक न्यूरल नेटवर्क समाधान को सीख सकता है जबकि भौतिकी के नियमों का सम्मान करता है।
भौतिकी-सूचित न्यूरल नेटवर्क की विशेषताएँ
PINNs केवल बड़े डेटा सेट पर निर्भर नहीं करते, बल्कि समस्या की भौतिकी को एआई मॉडल में ही समाहित करते हैं। "यह नेटवर्क को अधिक बुद्धिमान बनाता है," डॉ. बेतेगिरी ने समझाया। "यह केवल डेटा में पैटर्न नहीं खोजता - यह उस प्रणाली के प्राकृतिक नियमों को समझता है।"
प्रारंभिक परिणाम
परिणाम उत्साहजनक हैं: नेटवर्क ने तरंग जैसी समाधानों के व्यवहार को उच्च सटीकता के साथ पुन: उत्पन्न किया। यह सीमित या शोर वाले डेटा के साथ भी अच्छी तरह से काम करता है। इसके अलावा, इसे पारंपरिक संख्यात्मक विधियों की तुलना में कम गणनात्मक ओवरहेड की आवश्यकता होती है।
भविष्य की संभावनाएँ
पायटॉर्च का उपयोग करते हुए, डॉ. बेतेगिरी ने स्वचालित विभेदन को लागू किया, जिससे नेटवर्क को एडवेक्शन समीकरण के लिए आवश्यक व्युत्पन्नों को संभालने की अनुमति मिली। GPU त्वरक ने प्रशिक्षण को कुशल बनाया, जिससे वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के लिए रास्ता प्रशस्त हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नवाचार उन उद्योगों को बदल सकता है जहां तेज और विश्वसनीय सिमुलेशन महत्वपूर्ण हैं।
भविष्य की चुनौतियाँ
डॉ. बेतेगिरी का अगला लक्ष्य इस दृष्टिकोण को बहु-आयामी और गैर-रेखीय समस्याओं तक बढ़ाना है, जिससे भौतिकी-सूचित एआई की शक्ति को नागरिक इंजीनियरिंग और महामारी रोगों के वास्तविक दुनिया के सिस्टम को हल करने के लिए लाया जा सके।
निष्कर्ष
जैसे-जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और भौतिकी के बीच की सीमाएँ धुंधली होती जा रही हैं, यह शोध एक बढ़ते रुझान को उजागर करता है: विज्ञान का भविष्य डेटा या सिद्धांत के बीच चयन करने में नहीं, बल्कि दोनों के सर्वश्रेष्ठ को संयोजित करने में हो सकता है।