चीकू की खेती: छोटे से टुकड़े में बनाएं बड़ा मुनाफा
चीकू की खेती का महत्व
आज हम एक ऐसी फसल के बारे में चर्चा करेंगे, जिसे कई किसान आजकल अपनाते हैं। यह फल किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। किसान हमेशा ऐसी फसल की तलाश में रहते हैं, जो कम समय में अधिक लाभ दे और मेहनत भी कम लगे।
चीकू का परिचय
हम जिस फल की बात कर रहे हैं, वह चीकू है। यह फल बाजार में बहुत लोकप्रिय है और लोग इसे बड़े पैमाने पर खरीदते हैं। इसकी सेहत के लिए भी कई फायदे हैं, जिससे इसकी खेती करना लाभदायक माना जाता है। चीकू का आकार गोल और मटोल होता है, जो आलू की तरह दिखता है।
चीकू की खेती की विधि
चीकू की खेती के लिए विशेष तकनीक की आवश्यकता नहीं है। सबसे पहले, आपको बलुई और दोमट मिट्टी का चयन करना होगा, जिसका पीएच मान 6 से 8 के बीच होना चाहिए। खेत को अच्छी तरह से तैयार करने के लिए 2 से 3 बार गहरी जुताई करें।
इसके बाद, खेत में गोबर खाद मिलाएं ताकि मिट्टी उपजाऊ हो सके। फिर, रोटावेटर का उपयोग करें और नर्सरी से लाए गए चीकू के पौधों को खेत में लगाएं, पौधों के बीच 2 फीट का अंतर रखें।
सिंचाई और कीटनाशकों का नियमित उपयोग करें ताकि फसल सुरक्षित रहे। चीकू की फसल तैयार होने में 2 से 3 साल का समय लग सकता है।
चीकू से होने वाली आय
यदि हम चीकू की खेती से होने वाली आय की बात करें, तो एक एकड़ में इसकी खेती करने पर खर्च लगभग 40,000 से 60,000 रुपये आता है। इसके बाद, आप एक एकड़ में 10 से 15 टन की पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। इससे आपको लगभग 7 से 8 लाख रुपये की आय हो सकती है।