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गणेश चतुर्थी 2025: गणेश प्रतिमा लाने के लिए वास्तु टिप्स

गणेश चतुर्थी 2025 के अवसर पर गणेशजी की प्रतिमा लाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स जानें। इस लेख में प्रतिमा के प्रकार, आकार, दिशा और पूजा विधि के बारे में जानकारी दी गई है। सही तरीके से गणेशजी की पूजा करने से आपके सभी कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न होंगे। जानें कैसे गणेशजी की प्रतिमा को सही तरीके से स्थापित किया जाए।
 

गणेश चतुर्थी का महत्व


गणेश चतुर्थी 2025 के लिए वास्तु टिप्स: हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है, और यह त्योहार हर साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर गणेशजी को हर घर और पंडाल में स्थापित किया जाता है, और गणेश उत्सव 11 दिनों तक चलता है। यदि आप भी अपने घर या पंडाल में गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं, तो कुछ नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है। शास्त्रों और परंपरा में गणेश स्थापना के लिए प्रतिमा लाने और स्थापित करने के विशेष नियम दिए गए हैं। यदि इनका पालन किया जाए, तो पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है और सभी कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न होते हैं। आइए जानते हैं गणेशजी की प्रतिमा लाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।


गणेशजी की प्रतिमा लाते समय ध्यान देने योग्य बातें

प्रतिमा का प्रकार और चेहरा

कच्ची मिट्टी (शाडू माटी) से बनी गणेश प्रतिमा को सबसे अच्छा माना जाता है। धातु या प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बनी प्रतिमाएं गणेशजी की पूजा के लिए शास्त्रों के अनुसार उपयुक्त नहीं मानी जाती हैं। गणपति का मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना शुभ होता है। जब भक्त पूजा करता है, तो उसका चेहरा पश्चिम या दक्षिण की ओर होना चाहिए।

प्रतिमा का आकार और स्थान

घर में 1.5 फीट तक की प्रतिमाएं सबसे अच्छी होती हैं। बहुत बड़ी प्रतिमा घर में लाना उचित नहीं माना जाता। घर में एक साफ, पवित्र और हवादार स्थान चुनें। रसोई या बाथरूम के पास प्रतिमा रखना मना है। प्रतिमा को सीधे जमीन पर न रखें; इसे लाल या पीले कपड़े पर रखे गए स्टूल/थाली पर रखें।

गणेश की trunk की दिशा

दाईं ओर की trunk वाली प्रतिमा (सिद्धिविनायक रूप) को बहुत जागृत माना जाता है, जिसमें नियमों के अनुसार कठोर पूजा आवश्यक है। बाईं ओर की trunk वाली प्रतिमा पारिवारिक जीवन के लिए शुभ और सरल पूजा के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

गणेश की प्रतिमा में मोर और मुषक

यदि गणेश जी बैठे हैं (लाल कपड़े पहने हुए, एक हाथ आशीर्वाद मुद्रा में), तो धन, सुख और बुद्धि में वृद्धि होती है। खड़े गणपति व्यापार और नए आरंभ के लिए शुभ होते हैं। साथ ही, गणेश की प्रतिमा लेते समय मोदक और मुषक का होना आवश्यक है।


प्रतिमा लाने की विधि

प्रतिमा लाने की विधि

प्रतिमा को घर लाते समय इसे लाल या पीले कपड़े में लपेटें। प्रतिमा को अपने सिर से ऊँचा लाना चाहिए और इसे अपने पैरों के नीचे नहीं रखना चाहिए। इसे घर लाते समय 'गणपति बप्पा मोरया' का जाप करें।

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