शादीशुदा लोगों की लंबी उम्र: कुंवारे और तलाकशुदा लोगों के लिए खतरे की घंटी
शादी का महत्व और स्वास्थ्य पर प्रभाव
नई दिल्ली: आजकल करियर पर ध्यान केंद्रित करने के कारण युवाओं के लिए विवाह का विचार पीछे छूटता जा रहा है। कई देशों में युवा शादी न करने की प्रवृत्ति को अपनाने लगे हैं। इस संदर्भ में एक नई अध्ययन सामने आई है, जिसमें यह बताया गया है कि शादीशुदा व्यक्तियों की उम्र कुंवारे और तलाकशुदा लोगों की तुलना में अधिक होती है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि शादीशुदा लोगों की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होती है।
ग्लोबल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, विवाह महिलाओं की मृत्यु दर को एक तिहाई तक कम करने में सहायक होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सांस्कृतिक बदलावों ने विवाह के प्रति हमारे दृष्टिकोण को बदला है, लेकिन यह इंसान के समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाता है। एक लेख में, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने लिखा है कि इस अध्ययन के निष्कर्षों ने शादी के महत्व को फिर से उजागर किया है।
अध्ययन में 11,830 अमेरिकी महिला नर्सों को शामिल किया गया, जो 1990 के दशक में शादी करने का निर्णय ले रही थीं। इन नर्सों में से कोई भी अध्ययन के प्रारंभ में विवाहित नहीं थी। शोधकर्ताओं ने देखा कि शादी के बाद महिलाओं के जीवन में किस प्रकार का सुधार आया।
शोध में पाया गया कि शादीशुदा महिलाओं में मृत्यु का जोखिम कुंवारी महिलाओं की तुलना में 35% कम था। इसमें वे महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्होंने शादी की लेकिन बाद में तलाक ले लिया। शादीशुदा महिलाओं में हृदय रोग, डिप्रेशन और अकेलेपन का खतरा कम होता है, और वे अधिक आशावादी होती हैं।
हालांकि, जिन महिलाओं ने शादी की लेकिन बाद में तलाक ले लिया, उनका मृत्यु का खतरा शादीशुदा रहने वालों की तुलना में 19% अधिक था। शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि तलाक के बाद महिलाओं ने डिप्रेशन और स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की। लेखकों का मानना है कि पुरुषों पर विवाह के प्रभाव पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।