शनिवार को शनिदेव को प्रसन्न करने के 5 प्रभावी उपाय
शनिवार का महत्व
शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। मान्यता है कि जब शनिदेव किसी व्यक्ति से प्रसन्न होते हैं, तो उसकी सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं। शनिदेव की कृपा से जीवन के कई कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्हें कर्मफल दाता भी कहा जाता है, और जो लोग अच्छे कार्य करते हैं, उन पर शनिदेव की कृपा सदैव बनी रहती है।
बुरे कर्मों का दंड
हालांकि, जो लोग गलत कार्य करते हैं, उन्हें शनिदेव दंडित करते हैं। यदि शनिदेव किसी व्यक्ति से नाराज हो जाते हैं या उसकी जन्म राशि के अनुसार साढ़ेसाती या शनि की ढैया का प्रभाव होता है, तो ऐसे व्यक्तियों के जीवन में अनेक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसे लोगों को विशेष रूप से शनिवार के दिन पूजा करनी चाहिए। यदि आप इस दिन कुछ विशेष उपाय करते हैं, तो इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और साढ़ेसाती तथा ढैय्या से मुक्ति मिलती है।
शनिवार को करें ये 5 उपाय
काले तिल का दान
शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल का दान करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन काले तिल का दान करता है, उस पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है। आप जरूरतमंदों को काले तिल का दान कर सकते हैं।
पीपल वृक्ष की पूजा
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करें और इसके चारों ओर परिक्रमा करें। इसके बाद, पीपल के पेड़ में कच्चा सूत बांधें। आप पीपल के पत्तों की माला बनाकर शनिदेव को अर्पित करें। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और आपकी इच्छाएं पूरी होती हैं।
शनिदेव का प्रभावशाली मंत्र
शनिवार को पूजा करते समय शनिदेव के प्रभावशाली मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ का जाप अवश्य करें। इससे शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है।
हनुमान जी की पूजा
कहा जाता है कि जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं, उन्हें शनिदेव कभी परेशान नहीं करते। इसलिए शनिवार को शनिदेव के साथ हनुमान जी की पूजा करना लाभकारी होता है। आप हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं, जिससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
नीलम रत्न की माला या अंगूठी पहनकर पूजा
यदि आप शनिवार को शनिदेव की पूजा कर रहे हैं, तो नीलम रत्न की माला या अंगूठी पहनकर पूजा करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। ध्यान रखें कि कोई भी रत्न बिना ज्योतिषी की सलाह के नहीं पहनना चाहिए।