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रुद्राक्ष पहनने के नियम और लाभ: जानें किस देवता के लिए कौन सा रुद्राक्ष उपयुक्त है

रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में एक पवित्र और शक्तिशाली बीज माना जाता है, जो मन, शरीर और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह जानना आवश्यक है कि किस मुख वाला रुद्राक्ष किस देवता से संबंधित है और इसे पहनने के नियम क्या हैं। इस लेख में हम विभिन्न प्रकार के रुद्राक्ष और उनके लाभों के बारे में चर्चा करेंगे, जैसे एक मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप है, जबकि दो मुखी रुद्राक्ष दांपत्य जीवन में सामंजस्य लाता है। जानें रुद्राक्ष पहनने के सही तरीके और इसके धार्मिक महत्व के बारे में।
 

रुद्राक्ष पहनने के नियम

रुद्राक्ष पहनने के नियमImage Credit source: AI

रुद्राक्ष के लाभ: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। यह केवल एक माला नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा एक बीज है, जो मन, शरीर और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह माना जाता है कि हर रुद्राक्ष किसी न किसी देवता का प्रतीक होता है और इसके विभिन्न फल होते हैं। यदि आप रुद्राक्ष पहनने का विचार कर रहे हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि किस मुख वाला रुद्राक्ष किस देवता से संबंधित है और इसे पहनने के नियम क्या हैं।

किस देवता के लिए कौन सा रुद्राक्ष?

एक मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप

  • एक मुखी रुद्राक्ष को भगवान महादेव का स्वरूप माना जाता है।
  • इसे धारण करने से शिव की कृपा सहजता से प्राप्त होती है।
  • यह साधक की एकाग्रता को बढ़ाता है और आध्यात्मिक प्रगति में सहायक होता है।
  • इससे धन और प्रतिष्ठा में वृद्धि होने की भी मान्यता है।
  • दो मुखी रुद्राक्ष अर्धनारीश्वर (शिव-शक्ति) का प्रतीक है।

दो मुखी रुद्राक्ष

  • यह शिव और शक्ति के संयुक्त रूप अर्धनारीश्वर का प्रतीक है।
  • इसे पहनने से दांपत्य जीवन में सामंजस्य आता है।
  • यह मानसिक संतुलन को बढ़ाता है और रिश्तों में मधुरता लाता है।
  • यह विशेष रूप से वैवाहिक समस्याओं के समाधान के लिए शुभ माना जाता है।
  • तीन मुखी रुद्राक्ष त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक है।

तीन मुखी रुद्राक्ष

  • यह त्रिदेव — ब्रह्मा, विष्णु और महेश — का संयुक्त प्रतीक है।
  • इसे धारण करने वाले को तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • यह पुराने पापों से मुक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है।

चार मुखी रुद्राक्ष

  • यह भगवान ब्रह्मा का प्रतीक है।
  • इसे पहनने से बुद्धि और सृजनात्मकता में वृद्धि होती है।
  • यह विद्यार्थियों, शिक्षकों और लेखकों के लिए विशेष लाभकारी है।
  • यह साधक को परम ब्रह्म का ज्ञान प्रदान करता है।

पांच मुखी रुद्राक्ष

  • यह सबसे सामान्य और आसानी से उपलब्ध रुद्राक्ष है, जो भगवान शिव के पंचमुखी रूप का प्रतीक है।
  • इसे पहनने से मन में शांति और जीवन में संतुलन आता है।
  • यह स्वास्थ्य लाभ और सौभाग्य की प्राप्ति में सहायक होता है।
  • यह रोजमर्रा की आध्यात्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है।

रुद्राक्ष पहनने के नियम

रुद्राक्ष पहनना शुभ है, लेकिन इसे सही नियमों के अनुसार पहनना भी आवश्यक है।

रुद्राक्ष पहनने के लिए सोमवार का दिन शुभ माना जाता है। इसे सोमवार या किसी शिवयोग, अमावस्या, महाशिवरात्रि जैसे पवित्र दिनों में धारण करना श्रेष्ठ होता है। रुद्राक्ष पहनने से पहले गुरुमंत्र या शिव मंत्र का जप करें। .ॐ नमः शिवाय,ॐ रुद्राय नमः मंत्र से अभिषेक और शुद्धिकरण करना चाहिए। रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें और पूजा स्थल में रखें। इसे धारण न करने पर मंदिर या पूजा स्थान में रखें।