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रात में झाड़ू लगाने के पीछे के धार्मिक और ज्योतिषीय कारण

क्या आपने कभी सोचा है कि रात में झाड़ू लगाने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं? इस लेख में हम जानेंगे कि हिंदू धर्म, ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार रात में झाड़ू लगाने के क्या नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। यह जानना दिलचस्प होगा कि कैसे ये मान्यताएँ घर की सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित कर सकती हैं।
 

रात में झाड़ू लगाने की मान्यता

आपने देखा होगा कि कई लोग रात के समय झाड़ू लगाते हैं, लेकिन यह प्रथा विवादास्पद मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि रात में झाड़ू लगाने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं, जिससे घर में धन और समृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि रात में झाड़ू लगाने से घर की सकारात्मक ऊर्जा में कमी आ सकती है। इसके पीछे धार्मिक, सांस्कृतिक, ज्योतिषीय और वास्तु शास्त्र के कई तर्क हैं।


हिंदू धर्म में झाड़ू का महत्व

हिंदू धर्म में झाड़ू को केवल सफाई का उपकरण नहीं माना जाता, बल्कि इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, देवी लक्ष्मी शाम के समय घर में प्रवेश करती हैं, जब दीप जलाए जाते हैं। इस समय घर में सकारात्मक ऊर्जा और पवित्रता बनाए रखना आवश्यक होता है। यदि इस समय झाड़ू लगाई जाती है, तो इसे देवी का अपमान माना जाता है, जिससे आर्थिक तंगी और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।


ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि

ज्योतिष शास्त्र में समय और ग्रहों का प्रभाव महत्वपूर्ण माना जाता है। रात का समय विशेष रूप से राहु और केतु के प्रभाव में होता है, जो तामसिक ऊर्जा से जुड़े होते हैं। इस समय झाड़ू लगाने से घर की सकारात्मक ऊर्जा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। ज्योतिषी सलाह देते हैं कि सफाई का कार्य दिन के समय में किया जाना चाहिए, जब सूर्य की रोशनी और शुभ ग्रहों का प्रभाव अधिक होता है।


वास्तु शास्त्र के अनुसार

वास्तु शास्त्र में घर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखना आवश्यक माना जाता है। सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाना उचित नहीं माना जाता, क्योंकि इस समय सकारात्मक ऊर्जा कम हो सकती है। यदि किसी कारणवश रात में झाड़ू लगाना आवश्यक हो, तो कचरे को तुरंत कूड़ेदान में डालना चाहिए और उसे अगले दिन सुबह बाहर निकालना चाहिए। इससे घर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।