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मुख्य द्वार के लिए वास्तु टिप्स: जानें 5 गलतियां जो बना सकती हैं आपको कंगाल

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार समृद्धि का प्रतीक होता है। जानें उन 5 गलतियों के बारे में जो आपके घर में दरिद्रता और नकारात्मकता ला सकती हैं। सही दिशा में रखा गया मुख्य द्वार आपके जीवन में खुशहाली और समृद्धि का प्रवेश कराता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने मुख्य द्वार को शुभ और सकारात्मक रख सकते हैं।
 

मुख्य द्वार के लिए वास्तु टिप्स

मेन गेट के लिए वास्तु टिप्सImage Credit source: Freepik

मुख्य द्वार के लिए वास्तु टिप्स: वास्तु शास्त्र में घर का मुख्य द्वार अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इसे समृद्धि का द्वार कहा जाता है, जो घर में खुशहाली और संपन्नता लाता है। यदि मुख्य द्वार सही दिशा में नहीं है, तो यह जीवन में सुख-शांति को प्रभावित कर सकता है।

मुख्य द्वार को शुभ और सकारात्मक बनाए रखने के लिए कई वास्तु नियम हैं। इनका पालन करने से घर में समृद्धि आ सकती है। वहीं, यदि कुछ गलतियां की जाएं, तो इससे दरिद्रता और नकारात्मकता का प्रवेश हो सकता है। आइए जानते हैं मुख्य द्वार से जुड़ी पांच महत्वपूर्ण गलतियों के बारे में।

मुख्य द्वार पर गंदगी न रखें

वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार के पास गंदगी, सीलन या कूड़ेदान नहीं होना चाहिए। ये चीजें नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करती हैं और घर में खर्च बढ़ा सकती हैं। जहां सफाई नहीं होती, वहां सुख-समृद्धि का अभाव रहता है।

दीवारों पर दाग-धब्बे न हों

मुख्य द्वार के आसपास की दीवारें भी महत्वपूर्ण होती हैं। इन पर फटे तोरण, पुराने पोस्टर या गंदे दाग नहीं होने चाहिए। इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मुख्य द्वार को हमेशा साफ और शुभ प्रतीकों से सजाना चाहिए।

जूते-चप्पल न फैलाएं

मुख्य द्वार से मां लक्ष्मी का आगमन होता है, इसलिए जूते-चप्पल को फैलाकर नहीं रखना चाहिए। प्रवेश द्वार को खुला और अवरोध-रहित रखना चाहिए, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।

अंधेरा न रखें

मुख्य द्वार या उसके आसपास अंधेरा रखना अशुभ होता है। अंधकार नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। यदि मुख्य द्वार की लाइट खराब है, तो यह आर्थिक रुकावट का कारण बन सकती है। इसलिए, पर्याप्त रोशनी का ध्यान रखें।

टूटा हुआ न हो

मुख्य द्वार ऊर्जा, धन और अवसरों का स्रोत होता है। यदि यह टूटा हुआ या जंग लगा है, तो यह सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है। ऐसे द्वार अशुभ माने जाते हैं।

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