महामृत्युंजय मंत्र: शिव की कृपा से जीवन की लंबाई बढ़ाने का उपाय
महामृत्युंजय मंत्र का महत्व
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से मृत्यु पर विजय प्राप्त करने की मान्यता है। विशेषकर सावन और महाशिवरात्रि जैसे पावन अवसरों पर इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव की कृपा जल्दी प्राप्त होती है।
इस वर्ष महाशिवरात्रि 1 तारीख को मनाई जाएगी। इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करके आप अपनी आयु में वृद्धि कर सकते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति
महामृत्युंजय मंत्र की रचना की कहानी भी दिलचस्प है।
प्राचीन काल में एक ऋषि मुकण्ड थे, जो भगवान शिव के अनन्य भक्त थे। शिव की कृपा से उनके घर मार्कण्डेय नामक पुत्र का जन्म हुआ, जो अल्पायु था। जब ऋषि को यह ज्ञात हुआ, तो उन्होंने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया और महामृत्युंजय मंत्र की रचना की।
जब मार्कण्डेय की मृत्यु का समय आया, तो उन्होंने इस मंत्र का जाप करना शुरू किया। यमराज जब उन्हें लेने आए, तो मार्कण्डेय शिवलिंग से लिपट गए। यमराज ने उन्हें पकड़ने के लिए अपना पाश फेंका, लेकिन भगवान शिव प्रकट हुए और मार्कण्डेय को अमरता का वरदान दिया।
महामृत्युंजय मंत्र का पाठ
महामृत्युंजय मंत्र:
“ऊं हौं जूं सः ऊं भूर्भुवः स्वः ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊं स्वः भुवः भूः ऊं सः जूं हौं ऊं।” इस मंत्र का अर्थ है कि हम जिस शिव को पूजते हैं, उनके तीन नेत्र हैं, जो हर सांस में जीवन शक्ति का संचार करते हैं।
अन्य लाभकारी शिव मंत्र
ये 4 शिव मंत्र भी हैं लाभकारी:
1. ॐ अघोराय नम:, ॐ शर्वाय नम:, ॐ विरूपाक्षाय नम:, ॐ विश्वरूपिणे नम:, ॐ त्र्यम्बकाय नम:, ॐ कपर्दिने नम:, ॐ भैरवाय नम:, ॐ शूलपाणये नम:, ॐ ईशानाय नम:, ॐ महेश्वराय नम:। इस मंत्र का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
2. ॐ ऊर्ध्व भू फट् । ॐ नमः शिवाय । ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय । ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा । इसे महाशिवरात्रि या सोमवार को जपने से मन की हर मुराद पूरी होती है।
3. ओम तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्। इसे रुद्र गायत्री मंत्र कहा जाता है, जो जीवन के सभी दुखों को दूर करता है।
4. नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय। इस मंत्र का जाप मानसिक शांति और फोकस बढ़ाने में मदद करता है।