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महाकुंभ 2025: जानें किन राशियों के लिए है शुभ संयोग

महाकुंभ 2025 का आयोजन 45 दिनों तक चलेगा, जिसमें श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर स्नान करेंगे। पहले शाही स्नान का दिन 13 जनवरी है, जब एक शुभ रवि योग बन रहा है। यह समय कुछ राशियों के लिए विशेष फलदायी साबित हो सकता है। जानें किन राशियों के लिए यह समय शुभ है और कैसे महाकुंभ का यह आयोजन उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
 

महाकुंभ 2025 का महत्व


महाकुंभ 2025: यह महाकुंभ 45 दिनों तक चलेगा और इसका समापन महाशिवरात्रि के दिन, 26 तारीख को होगा। इस दौरान साधु-संतों के साथ-साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करते हुए दिखाई देंगे।


महाकुंभ में शाही स्नान

इस महाकुंभ में कुल छह शाही स्नान होंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, महाकुंभ के पहले दिन एक शुभ संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं कि पहले दिन क्या विशेष होने वाला है।


महाकुंभ पर शुभ योग

महाकुंभ का पहला शाही स्नान 13 जनवरी को होगा, जो पौष पूर्णिमा के दिन है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन रवि योग बन रहा है, जो बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग के दौरान स्नान और दान का महत्व और भी बढ़ जाता है। रवि योग सुबह 7:15 से 10:38 बजे तक रहेगा, और इस समय स्नान-दान को पुण्यकारी माना गया है।


कुछ राशियों के लिए शुभ समय

महाकुंभ का समय कुछ राशियों के लिए विशेष फलदायी साबित हो सकता है। इस दौरान कुछ राशियों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। आइए जानते हैं वे राशियां कौन सी हैं, जिनके भाग्य का ताला खुल सकता है।


मेष राशि

मेष राशि के स्वामी मंगल हैं। महाकुंभ के दौरान मंगल की स्थिति शुभ रहेगी, जिससे मेष जातकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। यह समय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अनुकूल है और आध्यात्मिक विकास की संभावना है। कारोबार में भी सुधार हो सकता है।


वृषभ राशि

वृषभ राशि के स्वामी शुक्र और बृहस्पति हैं। महाकुंभ के दौरान ये ग्रह अनुकूल स्थिति में रहेंगे, जिससे वृषभ जातकों को अचानक आर्थिक लाभ हो सकता है। कारोबार में वृद्धि और रिश्तों में सकारात्मक बदलाव की संभावना है।


सिंह राशि

सिंह राशि के स्वामी सूर्य और बृहस्पति हैं। महाकुंभ के दौरान सिंह जातकों को ऊर्जा और आत्मविश्वास मिलेगा, जिससे वे अपने प्रयासों में सफल हो सकते हैं। करियर में भी सफलता की संभावना है।


मकर राशि

मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं। इस समय मकर जातकों की आध्यात्मिक जागरूकता में वृद्धि होगी और पेशेवर जीवन में सकारात्मक विकास देखने को मिल सकता है। जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे।