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मंदिर में खाली शंख रखने के अशुभ प्रभाव और धन के लिए उपाय

क्या आप जानते हैं कि मंदिर में खाली शंख रखना अशुभ क्यों माना जाता है? यह न केवल नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है, बल्कि आर्थिक हानि भी ला सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि शंख को कैसे रखना चाहिए और कंगाल होने से बचने के लिए कौन से उपाय अपनाने चाहिए। जानें शुद्ध जल भरने, जल का छिड़काव और अन्य महत्वपूर्ण नियमों के बारे में।
 

खाली शंख का अशुभ होना

खाली शंख क्यों माना जाता है अशुभ?Image Credit source: AI


शंख रखने के नियम: हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में शंख को पवित्र और मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। शंखनाद से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, लेकिन इसे रखने के कुछ नियम हैं। इन नियमों का पालन न करने पर घर में नकारात्मकता बढ़ सकती है और आर्थिक हानि हो सकती है। इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम है कि मंदिर में कभी भी खाली शंख नहीं रखना चाहिए।


ज्योतिष और वास्तु के अनुसार, खाली शंख रखना आर्थिक नुकसान और दरिद्रता का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कि मंदिर में खाली शंख रखना क्यों अशुभ माना जाता है और कंगाल होने से बचने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए।


खाली शंख का अशुभ होना

शंख को देवी-देवताओं के समान आदर दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, शंख में दैवीय ऊर्जा और शुभता समाहित होती है। जब हम शंख को खाली छोड़ देते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि वह अपनी शुभता और दैवीय ऊर्जा खो देता है।


नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह: वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर या घर में खाली शंख रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जो घर के वातावरण पर बुरा प्रभाव डालता है।


मां लक्ष्मी की अप्रसन्नता: शंख को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है, क्योंकि यह समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुआ था। खाली शंख रखना, मानो मां लक्ष्मी के स्थान को खाली रखना हो, जिससे वह अप्रसन्न हो सकती हैं और घर से धन-वैभव दूर हो सकता है। इसलिए, शंख को हमेशा भरा हुआ रखना चाहिए ताकि उसकी ऊर्जा और सकारात्मकता बनी रहे।


कंगाल होने से बचने के उपाय

शंख को शुद्ध जल से भरकर रखें


जल भरें: सुबह पूजा से पहले या उसके दौरान, शंख को साफ करें और उसमें गंगाजल या शुद्ध जल भरें। यह जल शंख को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और उसकी दैवीय शक्ति को सक्रिय रखता है।


जल का छिड़काव: अगले दिन, इस जल को व्यर्थ न करें। इसे अपने पूरे घर में छिड़कें। माना जाता है कि शंख में रखा यह जल अत्यंत पवित्र हो जाता है, जिससे घर का वास्तु दोष दूर होता है और बुरी शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पाती हैं।


भगवान को स्नान: आप इस जल से भगवान का अभिषेक या स्नान भी करवा सकते हैं, जो बहुत शुभ माना जाता है।


अन्य उपाय: जल के साथ-साथ आप शंख में फूल या चावल भरकर भी रख सकते हैं। चावल लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, इसलिए शंख में चावल भरकर रखने से धन-संपदा में वृद्धि होती है।


शंख रखने के अन्य महत्वपूर्ण नियम

दिशा: शंख को मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति के दाईं तरफ रखना सबसे शुभ माना जाता है। इसे उत्तर-पूर्व दिशा में भी रखा जा सकता है।


आसन: शंख को कभी भी सीधे जमीन पर न रखें। इसे हमेशा किसी साफ कपड़े (लाल या पीला) के ऊपर, या तांबे/पीतल की प्लेट पर रखना चाहिए।


कितने शंख: पूजा घर में एक से अधिक शंख नहीं रखने चाहिए, ऐसा माना जाता है कि इससे लक्ष्मी की कृपा कम हो सकती है। हालांकि, कुछ मान्यताओं के अनुसार, पूजा के लिए एक और बजाने के लिए दूसरा शंख रखना उचित होता है।


खंडित शंख: टूटा हुआ, फटा हुआ या खंडित शंख कभी भी मंदिर में नहीं रखना चाहिए।