भारत में अतिथि सत्कार का महत्व: खाली हाथ न लौटाएं
अतिथि देवो भवः: भारतीय संस्कृति का संदेश
भारत ने दुनिया को 'अतिथि देवो भवः' का संदेश दिया है, लेकिन यहां कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दूसरों का सम्मान नहीं करते। आज हम उन लोगों के बारे में चर्चा करेंगे, जिनका सम्मान न करने पर राजा भी कंगाल हो सकता है। यदि आप अपने घर में आराम कर रहे हैं और दरवाजे पर कोई गरीब व्यक्ति आता है, तो उसे भोजन देकर ही विदा करें। उनकी आत्मा शुद्ध होती है, और यदि उन्हें खाली हाथ भेजा जाए, तो उनके वचन हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
विशेष अवसरों पर किन्नरों का सम्मान
जब आपके घर में कोई शादी, जन्मदिन या अन्य खुशी का अवसर हो, और इस दौरान कोई किन्नर आए, तो उन्हें कभी भी खाली हाथ मत भेजिए। इनका आशीर्वाद किसी भी व्यक्ति के जीवन को संवार सकता है।
विकलांग व्यक्तियों का आदर
यदि आपके दरवाजे पर कोई विकलांग व्यक्ति आता है, तो उनका सम्मान करें। ज्योतिष में इन्हें राहु और केतु के समान माना गया है। ऐसे लोग अपने जीवन में संघर्ष करते हैं, और इन्हें भोजन कराना अधिक महत्वपूर्ण है। इनका आशीर्वाद भगवान से भी पहले माना जाता है।
सुबह-सुबह यदि गाय आपके घर आती है, तो उसे भूखा मत भेजिए। उसे कम से कम एक रोटी अवश्य दें। गाय को समुद्र मंथन में सबसे पहले प्रकट जीव माना जाता है। यदि इसे भूखा भेजा जाए, तो इसका श्राप आपके घर पर पड़ सकता है। इसलिए, इनका सम्मान करना न भूलें।