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बुध वक्री 2025: जानें इसके प्रभाव और उपाय

9 नवंबर 2025 को बुध ग्रह वक्री हो रहे हैं, जिसका अर्थ है कि यह उल्टी दिशा में चलने का आभास देगा। ज्योतिष में बुध को बुद्धि और संचार का कारक माना जाता है। इस अवधि में संचार में बाधाएं, तकनीकी समस्याएं और यात्रा में देरी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जानें कि बुध वक्री होने पर क्या होता है और इसके प्रभावों से निपटने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
 

बुध वक्री का अर्थ

बुध वक्री 2025

बुध वक्री होने का अर्थ: ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और संचार का प्रतीक माना जाता है, जो कन्या और मिथुन राशि का स्वामी है। यदि किसी की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है, तो वह व्यापार और संचार के क्षेत्र में उन्नति करता है। 9 नवंबर को बुध देव वृश्चिक राशि में वक्री हो रहे हैं। बुध का वक्री होना उल्टी दिशा में चलने का संकेत है, जिससे शुभ और अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। इस लेख में हम बुध के वक्री होने के अर्थ और इसके उपायों पर चर्चा करेंगे.


बुध वक्री होने पर क्या होता है?

जब बुध वक्री होता है, तो पृथ्वी से देखने पर यह ग्रह अपनी कक्षा में पीछे की ओर जाता हुआ प्रतीत होता है, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता। सरल शब्दों में, "बुध वक्री होना" का मतलब है कि यह ग्रह सामान्य गति से उल्टी दिशा में चलने का आभास देता है। यह एक दृष्टि भ्रम है, जो तब उत्पन्न होता है जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर तेजी से घूमते हुए बुध को पार करती है.

ज्योतिष में बुध को बुद्धि, संचार, व्यापार और यात्रा का कारक माना जाता है। इस समय को गलतफहमियों, तकनीकी समस्याओं और यात्रा में देरी से जोड़ा जाता है। बुध वक्री अवस्था साल में 3 से 4 बार आती है और लगभग 3 सप्ताह तक रहती है.


बुध वक्री के प्रभाव

संचार में बाधा: बातचीत में गलतफहमी हो सकती है, जिससे आप अपनी बात सही तरीके से नहीं रख पाते हैं.

तकनीकी समस्याएं: कंप्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में खराबी आ सकती है.

यात्रा में देरी: यात्रा की योजनाएं बाधित हो सकती हैं या अप्रत्याशित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

निर्णय लेने में कठिनाई: व्यक्ति भ्रमित हो सकता है और अपने निर्णयों को बार-बार बदल सकता है.

मानसिक स्थिति: झुंझलाहट, चिड़चिड़ापन और मानसिक असंतुलन महसूस हो सकता है.


वक्री बुध ग्रह के उपाय

  • किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेकर असली पन्ना रत्न पहनें.
  • रोजाना “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” या “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्रों का जाप करें.
  • बुधवार को गणेश जी की पूजा करें या बुध यंत्र की स्थापना कर पूजा करें.
  • हरे रंग की चीजें जैसे हरी मूंग, हरे कपड़े या पत्तेदार सब्जियां दान करें.
  • बुधवार के दिन गायों को हरा चारा खिलाना भी लाभकारी होता है.
  • बुधवार को खाली मटकी को बहते पानी में प्रवाहित करें.
  • कन्याओं को भोजन कराकर हरे रंग का वस्त्र या रुमाल भेंट करें.