पौष माह 2025: जानें इस पवित्र महीने में क्या करें और क्या न करें
पौष माह के नियम
पौष माह के नियम
पौष माह 2025 के लिए आवश्यक निर्देश: सनातन धर्म में पौष माह को अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है। यह धर्म का 10वां महीना है और देवताओं की कृपा प्राप्त करने का एक विशेष अवसर है। इस माह में सूर्य देव, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, 2025 में पौष माह की शुरुआत 5 दिसंबर, शुक्रवार से होगी और यह 3 जनवरी 2026 तक चलेगा। इस दौरान स्नान, दान, पूजा, पितृ-तर्पण और सूर्य देव की आराधना की जाती है।
पौष माह के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक है। इस माह में पूजा-पाठ और स्नान-दान के लिए निर्देश दिए गए हैं, जबकि कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी गई है। आइए जानते हैं कि इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
पौष माह में क्या करें?
- हर सुबह स्नान के बाद सूर्य देव की उपासना करें।
- तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन और लाल फूल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
- अर्घ्य देते समय "ॐ घृणिः सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।
- हर रविवार को व्रत रखें।
- जरूरतमंदों को कंबल और गर्म कपड़े दान करें।
- तिल, गुड़ और तिल-चावल की खिचड़ी का दान करें।
- पितरों का तर्पण करें।
- भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
पौष में क्या न करें?
- पौष माह में मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश और जनेऊ संस्कार जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि इस समय सूर्य धनु राशि में होते हैं, जिससे खरमास रहता है।
- मांसाहार, शराब और किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें।
- इस माह में मूली, बैंगन, उड़द दाल, फूलगोभी, मसूर दाल, तले हुए व्यंजन और अत्यधिक चीनी का सेवन न करें।
- क्रोध, लालच और ईर्ष्या से बचें और अशब्द न बोलें।
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(यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है।)