पौष अमावस्या 2025: पितरों के लिए दीप जलाने के सही स्थान और संख्या
पौष अमावस्या 2025 का महत्व
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पौष अमावस्या 2025 के उपाय: हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है। आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है, जिसे 'छोटा पितृ पक्ष' भी कहा जाता है। इस दिन पितरों के लिए किए गए कार्य सीधे उनके पास पहुंचते हैं। अमावस्या की रात सबसे अंधेरी होती है, और मान्यता है कि इस दिन पितृ धरती पर आते हैं। इसलिए दीपदान के माध्यम से उनके मार्ग में प्रकाश फैलाया जाता है। दीप जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
पौष अमावस्या पर दीप जलाने के स्थान
घर की दक्षिण दिशा में
पौष अमावस्या के दिन पितरों के लिए दीपक घर की दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए। वास्तु के अनुसार, यह दिशा पितरों का निवास स्थान मानी जाती है। इस दिन शाम को दक्षिण कोने में एक दीपक जलाना आवश्यक है।
नदी के किनारे या पीपल के नीचे
यदि संभव हो, तो किसी पवित्र नदी के किनारे दीपदान करना चाहिए। यदि नदी नहीं है, तो पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना शुभ रहता है, क्योंकि इस वृक्ष पर देवता निवास करते हैं।
घर की चौखट और पानी के स्थान पर
दीपक घर की चौखट और पीने के पानी के स्थान पर भी रखना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि पूर्वज जल के स्थान पर भी आते हैं।
दीप जलाने की संख्या
कितने दीपक जलाएं?
पौष अमावस्या के दिन कम से कम 1 या 2 दीपक पितरों के नाम पर जलाने चाहिए। एक दीपक दक्षिण दिशा में और दूसरा पानी के स्थान पर होना चाहिए। पितृ दोष से मुक्ति के लिए 5, 11 या 21 दीपक जलाना विशेष लाभकारी होता है। इन दीपकों को घर के मुख्य दरवाजे, पीपल के पेड़, मंदिर और नदी के किनारे रखना चाहिए।