×

पितृ दोष के लक्षण और निवारण के उपाय

पितृ दोष के लक्षण और उनके निवारण के उपायों पर जानकारी प्राप्त करें। जानें कि कैसे पूर्वजों की नाराजगी को शांत किया जा सकता है और जीवन में सुख और शांति लाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। इस पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों का सम्मान करें और उनके आशीर्वाद प्राप्त करें।
 

पितृ दोष के लक्षण


पितृ दोष के लक्षण: जीवन में कई बार ऐसी घटनाएँ होती हैं जिन्हें समझना मुश्किल होता है। घर में अचानक छोटे-छोटे हादसे, काम में रुकावटें, व्यवसाय या नौकरी में समस्याएँ, बच्चों से जुड़ी दिक्कतें - इन सबके पीछे कभी-कभी पूर्वजों का क्रोध भी हो सकता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की पूजा और तर्पण करने से उनके क्रोध को शांत किया जा सकता है। इस वर्ष, पितृ पक्ष 07 सितंबर से 21 सितंबर तक है। यदि आप बार-बार जीवन में बाधाओं का सामना कर रहे हैं, तो यह समय आपके लिए विशेष है। आइए जानते हैं पूर्वजों के क्रोधित होने के संकेत और पितृ दोष से मुक्ति के आसान उपाय। भोपाल के ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा इस विषय पर अधिक जानकारी दे रहे हैं।


पूर्वजों के क्रोधित होने के संकेत

1. वंश को आगे बढ़ाने में बाधाएँ: कई बार लोग परिवार का विस्तार करने में असफल रहते हैं, चाहे वे कितनी भी कोशिश करें। संतान न होना, बच्चों से जुड़ी समस्याएँ, या परिवार में पीढ़ी का टूटना पितृ दोष का संकेत हो सकता है।


2. घर में पीपल का पौधा उगना:
यदि अचानक घर के आँगन, छत या टूटे बर्तनों में पीपल का पौधा उगता है, तो यह शुभ नहीं माना जाता। यह नकारात्मक ऊर्जा का संकेत है और पूर्वजों की नाराजगी को दर्शाता है।


3. घर में हादसों की बढ़ती संख्या:
कभी-कभी छोटे-मोटे हादसे होते रहते हैं, लेकिन यदि लगातार हादसे होते हैं, तो यह भी पितृ दोष का संकेत हो सकता है।


4. व्यवसाय और नौकरी में रुकावटें:
जब मेहनत करने के बावजूद काम में लगातार बाधाएँ आती हैं, प्रगति रुक जाती है, या उन्नति नहीं होती, तो यह पूर्वजों के क्रोधित होने का संकेत हो सकता है।


5. शुभ कार्यों में बाधाएँ:
घर में किसी शुभ या अशुभ कार्य के दौरान बार-बार समस्याओं का सामना करना भी पितृ दोष का संकेत माना जाता है।


पितृ दोष से मुक्ति के विशेष उपाय

1. तर्पण और पिंड दान:
पितृ पक्ष में पूर्वजों का तर्पण और पिंड दान अवश्य करें। इससे पूर्वजों का क्रोध कम होता है और जीवन में शांति आती है।


2. भोजन और पानी का अर्पण:
पूर्वजों के नाम पर अलग से भोजन और पानी रखें और उन्हें अर्पित करें। इससे उनके क्रोध को शांत करने में मदद मिलती है।


3. पूर्वजों की तस्वीर का सम्मान:
पूर्वजों की तस्वीर को रोज़ साफ करें और उन्हें फूल अर्पित करें। इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।



4. दीप जलाना:
पितृ पक्ष में पूर्वजों के नाम पर दक्षिण दिशा में दीप अवश्य जलाएँ। यह शुभ माना जाता है और पूर्वजों को संतुष्ट करता है।


5. पूजा और हवन में पूर्वजों को शामिल करना:
किसी शुभ कार्य या हवन में भगवान के साथ पूर्वजों की पूजा करें। इससे पितृ दोष को शांत करने में मदद मिलती है।


6. दान करना:
जितना संभव हो दान करें, इससे पूर्वज खुश होते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, दान और अच्छे कार्य पितृ दोष से मुक्ति दिलाते हैं और जीवन में सुख और शांति लाते हैं।


सामाजिक मीडिया

PC सोशल मीडिया