नवरात्रि पर अपराजिता फूल का महत्व और पूजा विधि
नवरात्रि के अवसर पर अपराजिता फूल का महत्व
नवरात्रि के इस पावन अवसर पर, अपराजिता फूल देवी दुर्गा की पूजा में विशेष महत्व रखता है। इस फूल को देवी के चरणों में अर्पित करने से न केवल भक्तों को आशीर्वाद मिलता है, बल्कि यह जीवन में समृद्धि, सफलता और खुशी भी लाता है। अपराजिता फूल को विजय, शुभता और अच्छे भाग्य का प्रतीक माना जाता है, और इसे घर में रखने या पूजा में अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। यह फूल विशेष रूप से दशमी के दिन और नवरात्रि के नौ दिनों में पूजा के लिए उपयोग किया जाता है।
भगवान राम ने अपराजिता माता की पूजा की
भगवान राम ने अपराजिता माता की पूजा की।
महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य ने बताया कि अपराजिता फूल नीले और बैंगनी रंग के होते हैं। उन्होंने कहा कि त्रेतायुग में, जब भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण रावण ने किया था, तब भगवान राम ने अपराजिता माता की पूजा की थी। इसलिए, आज भी इस फूल को देवी की आंखों के समान सुंदर और पवित्र माना जाता है।
अपराजिता का महत्व
अपराजिता का महत्व क्या है?
अपराजिता की पूजा, जो देवी दुर्गा का एक नाम भी है, भक्तों को मानसिक शांति, आर्थिक समृद्धि और इच्छाओं की पूर्ति देती है। महंत स्वामी कामेश्वरानंद ने आगे बताया कि घर में अपराजिता फूल रखने या उसकी पूजा करने से धन और समृद्धि बढ़ती है। यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा है, तो इस फूल को देवी के चरणों में अर्पित करने और फिर इसे बहते पानी में विसर्जित करने से घर में खुशी और समृद्धि बढ़ती है और नकारात्मक प्रभाव समाप्त होते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अपराजिता और शंखपुष्पी फूल एक समान दिखते हैं, लेकिन शंखपुष्पी फूल भगवान शिव से संबंधित है।
अपराजिता पौधा लगाना शुभ माना जाता है
अपराजिता पौधा लगाना शुभ माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक इस फूल की पूजा करने से विशेष लाभ होते हैं। महंत जी ने यह भी कहा कि शनिवार या मंगलवार को भगवान हनुमान को अपराजिता फूल अर्पित करने से शनि की साढ़ेसाती और अन्य बाधाएं दूर होती हैं। पुराणों में अपराजिता फूल के महत्व और कहानियों का विशेष उल्लेख है।
अपराजिता फूल का धार्मिक और पौराणिक महत्व
इस प्रकार, अपराजिता फूल न केवल धार्मिक और पौराणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने वाला एक शक्तिशाली प्रतीक भी है। नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर इस फूल की पूजा करने से भक्तों को खुशी, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
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