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दिवाली पूजा विधि: लक्ष्मी पूजन के लिए सरल चरण

दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा, जिसमें माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। इस दिन देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए दीप जलाए जाते हैं। जानें दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त, आवश्यक सामग्री और पूजा विधि। इस लेख में हम आपको सरल चरणों में बताएंगे कि कैसे करें लक्ष्मी पूजन और क्या मंत्र का जाप करें।
 

दिवाली पूजा विधि

दिवाली पूजा विधि

दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि: दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, दिवाली पर देवी लक्ष्मी का घर में आगमन होता है, इसलिए लोग अपने मुख्य द्वार पर दीप जलाते हैं ताकि देवी लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके। ऐसा माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। इस लेख में हम दिवाली पूजा की विधि और मुहूर्त के बारे में जानकारी देंगे।

दिवाली पूजा का मुहूर्त 2025

दिवाली पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 7:08 से 8:18 बजे तक रहेगा। इस समय में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें और घर में दीप जलाएं। आइए जानते हैं दिवाली पूजा के लिए आवश्यक सामग्री और विधि।

दिवाली पूजा के लिए आवश्यक सामग्री

लक्ष्मी पूजा के लिए गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर, चौकी, लाल कपड़ा, कुमकुम, रोली, सुपारी, हल्दी, अक्षत (चावल), फूल (कमल और गुलाब), फल, दीपक, मौली, जनेऊ, धूप, कपूर, गंगाजल, खील, बताशे, घी, नारियल और कलश आदि सामग्री की आवश्यकता होती है।

दिवाली पर लक्ष्मी गणेश पूजा करने की विधि

  • दिवाली के दिन सुबह स्नान कर साफ-सुथरे (लाल या पीले) कपड़े पहनें।
  • फिर पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़कें।
  • चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
  • एक कलश में जल, गंगाजल, सुपारी और कुछ सिक्के डालकर स्थापना करें।
  • पूजा सामग्री जैसे रोली, चंदन, चावल, फूल, मिठाई, फल, मेवे आदि एकत्र करें।
  • चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
  • गणेश जी को मां लक्ष्मी के दाहिने हाथ की ओर रखें।
  • मूर्ति को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं।
  • एक साफ कपड़े से मूर्ति को पोंछकर वापस स्थापित करें।
  • गणेश जी को रोली, कुमकुम और चंदन का तिलक लगाएं।
  • माता लक्ष्मी को भी तिलक लगाएं।
  • लक्ष्मी-गणेश के तिलक के बाद कलश पर भी तिलक करें।
  • धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
  • फूल, फूलमाला, पान और सुपारी अर्पित करें।
  • गणेश जी को मोदक और लक्ष्मी जी को खीर या सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
  • अपने हाथों में फूल और अक्षत लेकर लक्ष्मी-गणेश जी का ध्यान करें।
  • पहले भगवान गणेश की आरती करें, फिर मां लक्ष्मी की आरती करें।
  • पूजा में माता लक्ष्मी और गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
  • पूजा के बाद प्रसाद सभी में बांटें और खुद भी खाएं।
  • अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें और शंखनाद करें।

दिवाली पूजा के मंत्र

  1. लक्ष्मी मंत्र – ॐ श्रीं ह्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः का जाप करें।
  2. गणेश मंत्र – ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंति प्रचोदयात् का जाप करें।

दिवाली पूजा किस दिशा में करनी चाहिए?

दिवाली की पूजा करते समय आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। वास्तु के अनुसार, ये दिशाएं शुभ मानी जाती हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने में सहायक होती हैं।