तुलसी विवाह 2025: जानें कन्यादान का महत्व और शुभ मुहूर्त
तुलसी विवाह का महत्व
तुलसी विवाह 2025
हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का एक विशेष धार्मिक और भावनात्मक महत्व है। यह दिन भक्ति, प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। माता तुलसी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है और भगवान विष्णु उनके शालिग्राम स्वरूप हैं। देवउठनी एकादशी के बाद जब भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं, तब उनके और तुलसी माता के मिलन का यह पावन संस्कार संपन्न होता है। इसे सृष्टि में शुभता, सौभाग्य और समृद्धि के आरंभ का प्रतीक माना जाता है। इस दिन के बाद से विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मंगल कार्यों का शुभ काल प्रारंभ होता है।
तुलसी विवाह में कन्यादान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि तुलसी माता को कन्या स्वरूप में पूजकर उनका विवाह भगवान विष्णु से कराया जाता है। इस अनुष्ठान में जो व्यक्ति तुलसी विवाह कराता है, वही तुलसी माता का पिता माना जाता है और उसे कन्यादान का पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए इसे पुत्री तुलसी का विवाह भी कहा जाता है।
कहा जाता है कि इस दिन तुलसी का कन्यादान करने से मनुष्य को विशेष फल प्राप्त होता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना गया है जिन्हें संतान सुख की प्राप्ति की इच्छा होती है।
तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त
तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त
तुलसी विवाह का पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन माता तुलसी और भगवान विष्णु (शालिग्राम) के दिव्य मिलन का प्रतीक है। शास्त्रों के अनुसार, इस तिथि पर किया गया विवाह अनंत सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करता है। इस वर्ष तुलसी विवाह रविवार, 2 नवंबर को होगा। इस दिन का मुख्य शुभ मुहूर्त दोपहर 01:27 बजे से 02:50 बजे तक और सायंकाल 07:13 बजे से 08:50 बजे तक रहेगा। इन मुहूर्तों में विवाह या तुलसी-शालिग्राम पूजा करना अत्यंत मंगलकारी माना गया है.