तुलसी पूजा के नियम: शाम की आरती में क्या अर्पित करें और क्या न करें
तुलसी पूजा का महत्व
तुलसी पूजा
तुलसी पूजा के नियम: हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे देवी का रूप माना जाता है। यह मान्यता है कि देवी लक्ष्मी तुलसी में निवास करती हैं। हर घर में सुबह और शाम तुलसी की पूजा की जाती है। यह माना जाता है कि जहां नियमित रूप से तुलसी की पूजा होती है, वहां मां लक्ष्मी का वास हमेशा बना रहता है। भगवान विष्णु को भी तुलसी प्रिय है, जिसे हरिप्रिया कहा जाता है।
तुलसी के पत्तों का उपयोग भगवान विष्णु को भोग लगाने में किया जाता है। शाम को तुलसी की पूजा के दौरान दीपक जलाया जाता है, जिससे माता लक्ष्मी का स्वागत होता है। कहा जाता है कि जहां तुलसी के पौधे के पास अंधेरा होता है, वहां माता लक्ष्मी नहीं आतीं। आइए जानते हैं कि शाम की आरती में तुलसी पर क्या अर्पित करना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए।
आरती के समय तुलसी को चढ़ाएं ये चीजें
आरती के समय तुलसी को चढ़ाएं ये चीजें
शाम की आरती के दौरान तुलसी माता के सामने घी या सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद धूप और दीप जलाना आवश्यक है। आरती के समय फूल, रोली, अक्षत, चंदन, और सिंदूर चढ़ाना चाहिए। चावल के दाने यानी अक्षत का भी अर्पण करना चाहिए। मिठाई या फल का भोग लगाना चाहिए। तुलसी माता की आरती करने के बाद परिक्रमा करनी चाहिए और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए।
तुलसी से जुड़ी गलतियां
न करें तुलसी से जुड़ी ये गलतियां
तुलसी के पौधे को सूरज ढलने के बाद छूना वर्जित है, इसलिए शाम के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। तुलसी में दीपक जलाते समय चावल का आसन देना चाहिए। तुलसी पूजा करते समय बालों को खुला नहीं रखना चाहिए। शाम को आरती करते समय जल नहीं देना चाहिए।