तुलसी पूजा के नियम: घर में विष्णु और लक्ष्मी तुलसी का महत्व
तुलसी पूजा का महत्व
तुलसी पूजा
भारतीय संस्कृति में तुलसी के पौधे की पूजा करना और उसे अपने घर में उगाना एक सामान्य प्रथा है। तुलसी से विवाह करना और भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करना हमारी परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय है, इस पर प्रसिद्ध ज्योतिषी डॉ. बसवराज गुरुजी ने तुलसी पूजा के महत्व और उसके विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि शास्त्रों में यह उल्लेखित है कि घर में केवल एक प्रकार की तुलसी नहीं होनी चाहिए।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि तुलसी की मुख्यतः दो किस्में होती हैं: कृष्ण तुलसी और राम तुलसी। कृष्ण तुलसी को कई स्थानों पर लक्ष्मी तुलसी भी कहा जाता है, जो हल्के काले या गहरे हरे रंग की होती है। वहीं, राम तुलसी को विष्णु तुलसी के नाम से भी जाना जाता है, जो अधिक हरे रंग की होती है। हिंदू परंपरा के अनुसार, दोनों प्रकार की तुलसी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि घर में लक्ष्मी तुलसी और विष्णु तुलसी को अलग-अलग रखना शुभ होता है। इससे सौभाग्य, धन और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, परिवार में कलह कम होती है और बुरी नजर से भी बचाव होता है।
क्या दोनों तुलसी को एक जगह रखा जा सकता है?
यह स्वाभाविक है कि यह सवाल उठता है कि क्या दोनों तुलसी के पौधों को एक ही स्थान पर रखना चाहिए। गुरुजी ने कहा कि लक्ष्मी तुलसी को एक स्थान और विष्णु तुलसी को दूसरे स्थान पर रखा जा सकता है। इन्हें उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम, ब्रह्मस्थान या घर के सामने लगाया जा सकता है। हालांकि, दोनों तुलसी को एक ही गमले में नहीं उगाना चाहिए। यदि इन्हें अलग-अलग रखकर पूजा की जाए, तो जल्दी फल प्राप्त होंगे।
तुलसी के दल तोड़ने के नियम
गुरुजी ने बताया कि तुलसी के दल तोड़ते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। तुलसी को महालक्ष्मी, महासरस्वती और महाकाली का प्रतीक माना जाता है। तुलसी का आदर इस भावना के साथ करना चाहिए कि इन देवियों की कृपा तुलसी में समाहित है। तुलसी को कैंची से नहीं काटना चाहिए और सुबह या शाम के समय दल नहीं तोड़ने चाहिए। तुलसी के दल तोड़ते समय ॐ नमो नारायण या अष्टाक्षरी मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके अलावा, चप्पल पहनकर तुलसी के दल नहीं तोड़ने चाहिए।
एक महत्वपूर्ण बात यह है कि गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। इसलिए गुरुजी ने सलाह दी है कि यदि कृष्ण तुलसी और लक्ष्मी तुलसी को घर के आंगन में विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो यह हर दृष्टि से शुभ होगा।
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