ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025: उपाय और पूजा विधि
ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 के उपाय: साल में 12 पूर्णिमाओं में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा की जाती है।
हर वर्ष ज्येष्ठ माह की अंतिम तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन चंद्र देव अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होते हैं। इस दिन चांद की रोशनी में पूजा करने से समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। स्नान और दान भी इस दिन शुभ माने जाते हैं। इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 11 जून 2025, बुधवार को होगा।
आज हम आपको शास्त्रों में बताए गए तीन उपायों के बारे में बताएंगे, जिन्हें ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन करने से चंद्र दोष और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपाय
- मनोकामना पूर्ति का उपाय
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा करें। एक तांबे के लोटे में जल डालें और उसमें एक चम्मच दूध, चंदन और शहद मिलाएं। फिर चंद्र देव को अर्घ्य अर्पित करें और 7 बार "ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:" का जाप करें। अपनी मनोकामना को बोलें, इससे आपकी इच्छा जल्द पूरी हो सकती है।
- चंद्र दोष से छुटकारा पाने का उपाय
जिनकी कुंडली में चंद्र दोष है, वे इस दिन शिवलिंग की पूजा करें। एक तांबे के लोटे में गंगाजल और दूध मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इस उपाय से चंद्र दोष से मुक्ति और धन की प्राप्ति हो सकती है।
- पैसों की कमी से मुक्ति का उपाय
जो लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, वे इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें। एक तांबे के लोटे में जल, दूध और 2 पतासा डालकर पीपल के पेड़ में अर्पित करें। इससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और पैसों की कमी दूर होगी।
ज्येष्ठ पूर्णिमा की पूजा के शुभ मुहूर्त
- चन्द्रोदय- शाम 07 बजकर 41 मिनट पर
- अभिजित मुहूर्त- नहीं है
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 07 बजकर 18 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक