जबलपुर में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था का जीवन उत्कर्ष महोत्सव
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था का भव्य आयोजन
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था का ‘जीवन उत्कर्ष महोत्सव’
जबलपुर, जिसे 'संस्कारों की राजधानी' कहा जाता है, में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा आयोजित जीवन उत्कर्ष महोत्सव पिछले तीन दिनों से चल रहा है। इस भव्य आयोजन के चौथे दिन, ‘जीवन-उत्कर्ष में संत परंपरा का योगदान’ विषय पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो प्रेरणादायक रहा। कार्यक्रम की शुरुआत युवा वृन्द और संतों द्वारा भगवान की मंगलकारी धुन और कीर्तन से हुई, जिससे आयोजन स्थल भक्तिमय हो गया।
महामहोपाध्याय भद्रेशदास स्वामी ने मानव जीवन उत्कर्ष में भारतीय संत परंपरा के योगदान पर सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रमुख स्वामी महाराज के भारतीय दर्शन में योगदान और बीएपीएस संस्था द्वारा चलाए जा रहे विश्वव्यापी सेवा कार्यों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर ‘संत स्नेही- महंतस्वामी महाराज’ विषय पर एक भावनात्मक वीडियो दिखाया गया, जिसमें महंतस्वामी महाराज की सभी धर्म संप्रदायों के संतों के प्रति करुणा और सम्मान की भावना को दर्शाया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न संप्रदायों के संतों की उपस्थिति ने सांप्रदायिक सौहार्द का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। संतों में दंडी स्वामी श्री कालिकानंदजी महाराज, जगद्गुरु नरसिंह पीठाधीश्वर स्वामी डॉ. नरसिंह देवाचार्यजी महाराज, और अन्य शामिल थे। बीएपीएस के संतों ने उन्हें माला पहनाकर और अंगवस्त्र भेंट करके सम्मानित किया।
उत्कर्ष महोत्सव का मुख्य आकर्षण और उद्बोधन
गांधीनगर अक्षरधाम के मुख्य संत आनंदस्वरूपदास स्वामी ने भी इस अवसर पर महत्वपूर्ण उद्बोधन दिया। उन्होंने सभी को अपने जीवन में सनातन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। सभी संतों ने महंतस्वामी महाराज के कार्यों की सराहना की, जो सनातन धर्म, समाज उत्थान और आध्यात्मिक जागृति के लिए समर्पित हैं।
सभी संतों ने एकमत से मानव जीवन उत्कर्ष में संत परंपरा के योगदान का उल्लेख किया और मौजूदा समय में सांप्रदायिक एकता की महत्ता पर जोर दिया। इस भव्य कार्यक्रम में जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों से हजारों स्थानीय लोगों ने भाग लिया। अंत में महंतस्वामी महाराज के वीडियो आशीर्वाद के साथ इस कार्यक्रम का समापन हुआ।